नई दिल्ली। हाउसिंग सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने और 2022 तक ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ (सभी के लिए घर) सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार कुछ निश्चित प्रोजेक्ट्स को टैक्स लाभ देने पर विचार कर रही है। इन टैक्स इन्सेंटिव की घोषणा आगामी केंद्रीय बजट में की जा सकती है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य रेंटल हाउसिंग में संस्थागत निवेशकों के जरिये निवेश को बढ़ावा देना हो सकता है।
नेशनल अर्बन रेंटल हाउसिंग पॉलिसी के ड्राफ्ट में यह सुझाव दिया गया है कि 2022 तक हाउसिंग फॉर ऑल के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रेंटल हाउसिंग को कुछ टैक्स लाभ देकर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। हाउसिंग को एक ऐसा प्रमुख सेक्टर माना जाता है, जिसमें स्टील, सीमेंट की मांग बढ़ाने के साथ ही साथ अतिरिक्त नए रोजगार पैदा कर देश की आर्थिक ग्रोथ को सहारा दिया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, टैक्स डिपार्टमेंट ड्रॉफ्ट रेंटल हाउसिंग पॉलिसी पर विचार कर रहा है और इस बात की संभावना भी तलाश रहा है कि टैक्स लाभ मिलने से हाउसिंग सेक्टर में निवेश को किस प्रकार प्रोत्साहित किया जा सकता है। ड्राफ्ट पॉलिसी में मकान मालिक को टैक्स लाभ देने की सिफारिश की गई है, जो अपना मकान किराये पर उठाएगा। इसमें उन संस्थाओं के मालिकों को भी टैक्स लाभ देने की सिफारिश की गई है, जो मास रेंटल हाउसिंग प्रोजेक्ट की स्थापना करना चाहते हैं। इसके अलावा सोशल रेंटल हाउसिंग प्रॉपर्टीज को प्रॉपर्टी टैक्स से छूट देने की भी सिफारिश इस ड्राफ्ट में की गई है। देश में रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को भी बढ़ावा देने की बात ड्राफ्ट पॉलिसी में कही गई है, ताकि 2022 तक सबके पास घर के सपने को साकार किया जा सके।
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