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Hindi News पैसा बिज़नेस हाउसिंगडॉटकॉम ने को-लिविंग सेगमेंट में किया प्रवेश, ओयो व जोलो से मिलाया हाथ

हाउसिंगडॉटकॉम ने को-लिविंग सेगमेंट में किया प्रवेश, ओयो व जोलो से मिलाया हाथ

2012 में स्‍थापित हाउसिंग डॉट कॉम घर मालिकों, जमीदारों, डेवलपर्स और रियल एस्‍टेट ब्रोकर्स के लिए एक रियल स्‍टेट विज्ञापन प्‍लेटफॉर्म है।

 Housing.com enters co-living segment, joins hands with Oyo and Xolo- India TV Paisa Image Source : HOUSING.COM ENTERS CO-LI  Housing.com enters co-living segment, joins hands with Oyo and Xolo

नई दिल्‍ली। पेइंग गेस्‍ट (पीजी) आवास के असंगठित बाजार को डिजिटल बनाने और संगठित को-लिविंग सेगमेंट के डेवलपर्स की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए रियल एस्‍टेट पोर्टल हाउसिंगडॉटकॉम ने अपने प्‍लेटफॉर्म पर एक विशेष को-लिविंग सेक्‍शन लॉन्‍च किया है। इस सेक्‍शन के तहत देश के प्रमुख 12 शहरों में 5 लाख बेड को लि‍स्‍टेड किया गया है। इसके लिए एलारा टेक्‍नोलॉजी के स्‍वामित्‍व वाले हाउसिंगडॉटकॉम ने ओयो लाइफ और जोलो के साथ करार किया है।

हाउसिंगडॉटकॉम, मकानडॉटकॉम और प्रॉपटाइगरडॉटकॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा जिस तरह से को-वर्किंग की अवधारणा बदल रही है उसी तरह यह परिवर्तन लाखों वर्कफोर्स और छात्रों में भी देखा जा रहा है। युवा आबादी आवास के विकल्‍पों में लचीलापन चाहती है, जो उन्‍हें अत्‍याधिक गतिशील कार्य के वातावरण में जल्‍दी से स्‍थानांतरि‍त करने की सुविधा देता है।

प्रॉपटाइगरडॉटकॉम की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2023 तक भारत के शीर्ष 9 शहरों में को-लिविंग 2 लाख करोड़ रुपए का बाजार बन जाएगा, क्‍योंकि छात्रों और अकेले रहने वाली कामकाजी आबादी के बीच इस तरह के स्‍थान की मांग बढ़ रही है।

वर्तमान में भारत की युवा वर्कफोर्स में लगभग 40 प्रतिशत प्रवासी हैं, जो आधुनिक और सस्‍ती रहने की जगह की तलाश कर रहे हैं, जहां उन्‍हें सामाजिक आदान-प्रदान में संलग्‍न होने के अवसर के साथ प्राइवेसी भी मिले।

ध्रुव अग्रवाल ने बताया कि 2018-19 में 3.74 करोड़ छात्रों ने यूनिवर्सिटीज में नामांकन कराया, जबकि वर्तमान में छह में से केवल एक छात्र ही यूनिवर्सिटी के छात्रावास में रहने में सक्षम है। 2022 तक नामाकंन अनुपात में वृद्धि होने से प्रवासी छात्रों की संख्‍या भी बढ़ने की संभावना है, जिससे हॉस्‍टल आवास की मांग में और वृद्धि होगी।

उल्‍लेखनीय है कि 2012 में स्‍थापित हाउसिंग डॉट कॉम घर मालिकों, जमीदारों, डेवलपर्स और रियल एस्‍टेट ब्रोकर्स के लिए एक रियल स्‍टेट विज्ञापन प्‍लेटफॉर्म है। कंपनी डाटा संग्रहकर्ताओं, विश्‍लेषकों और परीक्षकों की प्रशिक्षित टीम के जरिये भारत में नए घरों, पुनर्विक्रय घरों, किराया और को-लिविंग वाले स्‍थानों के लिए सत्‍यापित लिस्टिंग का सबसे बड़ा विकल्‍प प्रदान करती है।

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