नयी दिल्ली। देश के सात प्रमुख शहरों में 1.15 लाख घर खरीदार अधर में लटके हुए हैं क्योंकि डेवलपर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की इकाइयों का कब्जा देने में नाकाम रहे हैं। जमीन - जायदाद से जुड़ी परामर्श देने वाली कंपनी एनारॉक ने यह जानकारी दी।
फर्म ने कहा कि शीर्ष सात शहरों में 220 परियोजनाएं पूरी तरह से ठप पड़ी है। यह 1.74 लाख आवासों के बराबर है। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि 2013 या उससे पहले शुरू हुई इन परियोजनाओं में बिल्कुल भी निर्माण का काम नहीं हुआ है। अनुमानित 1,77,400 करोड़ रुपये से अधिक की इकाइयां पूरी तरह से ठप है। इन परियोजनाओं में अधिकांश नकदी संकट या कानूनी अड़चनों की वजह से रुकी हुई हैं।
इन इकाइयों में करीब - करीब 66 प्रतिशत इकाइयां (1.15 लाख घर) खरीदारों को पहले ही बेची जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इन बिक चुके घरों का अनुमानित मूल्य 1,111 अरब रुपये है।
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