रेपो रेट में कटौती के बाद कितनी कम होगी आपके होम-लोन की EMI
RBI cuts Repo Rate by 0.25 percent. If bank passes these cut to customer, your EMI set to fall
नई दिल्ली। जल्द ही आपको लोन की EMI पर राहत मिल सकती है। रिजर्व बैंक ने मंगलवार को रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी है। इससे बैंकों को सस्ती दरों पर आरबीआई से लोन मिलेगा। जिससे बैंक भी आपको कम दरों पर लोन दे पाएंगे। इस कटौती के बाद होमलोन, कार लोन सहित दूसरे सभी प्रकार के लोन की EMI घट सकती हैं। आइए जानते हैं आने वाले दिनो में आपके होम लोन की EMI कितनी घट सकती है।
आइए जानते हैं आपको होम लोन की EMI पर कितनी मिलेगी राहत
RBI Policy
आरबीआई ने क्या की घोषणा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपने तिमाही मौद्रिक समीक्षा में मुख्य नीतिगत दरों को 0.25 फीसदी घटा दिया है। इस कटौती के बाद रेपो रेट की दर 6.50 फीसदी हो जाएगी। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने सीआरआर की दर में कोई बदलाव नहीं किया है। इसको पहले की तरह 4 फीसदी की दर पर स्थिर रखा है। जबकि रिवर्स रेट को 0.25 फीसदी बढ़ा दिया गया है। उम्मीद की जा रही हैं कि रेपो रेट की इस कटौती को जल्द बैंक उपभोक्ताओं को पास करेंगे, जिसके बाद ऑटो और होम लोन सस्ते हो जाएंगे। हालांकि शेयर बाजार को यह कटौती कम लगी इसलिए क्रेडिट पॉलिसी की समीक्षा के बाद शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली।
नए लोन फॉर्मूले का भी मिलेगा फायदा
घर खरीदने की ख्वाहिश रखने वालों को आरबीआई की ओर से रेपो रेट में की गई कटौती फायदा देगी। वहीं बैंकों के नए बेस रेट फॉर्मूले का भी कंज्यूमर को फायदा मिलेगा। 1 अप्रैल से शुरू हुए नए वित्त वर्ष से बैंकों ने नए बेस रेट फॉर्मूला के आधार पर होम लोन पर ब्याज दरें घटाने की शुरुआत कर दी है। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने होम लोन पर ब्याज दरों में 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। इसके अलावा एचडीएफसी और आईसीआईसीआई ने भी दरों को इतना ही घटाया है। दूसरे बैंक भी जल्द ही नए रेट के आधार पर बेस रेट में कटौती की घोषणा कर सकते हैं।
क्या होती है रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज देता है। इस दर में कटौती के बाद बैंकों को सस्ता कर्ज मिलने लगता है। जिसे वे घर और वाहन ऋण की दरें घटाकर उपभोक्ताओं को पास करते हैं।
RBI Policy Review: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वांइट की कटौती की, शेयर बाजार में भारी गिरावट