शिमला। हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध हस्तनिर्मित शॉल, स्वेटर, कालीन, जैविक शहद, फल और मसाले के कारोबारी अपने उत्पादों की बिक्री के लिए जल्द ही अमेजन, फ्लिपकार्ट और सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे। हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि राज्य सरकार 27,000 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी 2.80 लाख महिलाओं को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तक पहुंच प्रदान करने की योजना बना रही है ताकि वे अपने उत्पादों को बड़े बाजार में बेच सकें।
ई-कॉमर्स मंचों के जरिये बेचे जाने वाले सामानों में हस्तनिर्मित शॉल, स्वेटर, कालीन, जैविक शहद, फल, सूखे मेवे, मसाले, अचार, औषधीय जड़ी-बूटियाँ जैसे उत्पाद शामिल है। कंवर ने एक बयान में कहा कि ई-कॉमर्स मंच पहाड़ी राज्य के दूरदराज या बर्फीले इलाकों में रहने वाले छोटे कारीगरों को अपने जैविक, प्राकृतिक और हस्तनिर्मित उत्पाद पेश करने और उन्हें देश भर के खरीदारों से जोड़ने में सक्षम बनाएगा।
अमेजन के विक्रेता अब तीन और भाषाओँ में करेंगे कारोबार
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने रविवार को कहा कि अमेजनडॉटइन पर विक्रेता अब मलयालम, तेलुगु और बंगाली जैसी तीन भाषाओँ में पंजीकरण और अपने ऑनलाइन कारोबार का प्रबंधन कर सकेंगे। अमेजन ने एक बयान में कहा कि यह कदम आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रख कर उठाया गया है, जिससे मौजूदा विक्रेताओं, कई संभावित और नए विक्रेताओं को अपना कारोबार चलाने के लिए विभिन्न स्तरों के बाजारों से लाभ मिलेगा। साथ ही वे अपने पसंद की भाषा में काम कर सकते है। इस पेशकश के साथ अमेजनडॉटइन अब विक्रेताओं को बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मराठी, मलयालम, तेलुगु, तमिल और अंग्रेजी समेत कुल आठ भाषाओं में अपने ऑनलाइन व्यवसाय का प्रबंधन करने का विकल्प देता है।
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