नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की मौद्रिक नीतियों की एक तरह से आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऊंची ब्याज दरें उद्योग जगत विशेषकर छोटे व मझौले उद्यमों की लागत प्रतियोगितात्मकता को प्रभावित कर रही हैं। मंत्री ने कहा कि वे इस मुद्दे को पहले ही वित्त मंत्री के समक्ष उठा चुकी हैं और उन्होंने इस बारे में केंद्रीय बैंक को भी लिखा है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता सुब्रमणियन स्वामी ने रिजर्व बैंक गवर्नर की आलोचना करते हुए कहा था कि ब्याज दरें ऊंची रखकर वे मझौले उद्यमों पर प्रतिकूल असर डाल रहे हैं। इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने एक टीवी चैनल को साक्षात्कार में कहा, मैं पहले ही कह चुकी हूं कि लागत खर्च इतना अधिक नहीं होना चाहिए। विशेषकर अगर हम छोटे व मझौले उद्यमों आदि उद्योगों को ध्यान में रखें, जिनके पास कोई समूह कंपनी या अंशधारक कंपनी नहीं है, जिनसे वे सस्ता कर्ज ले सकें। इसलिए ब्याज दरों का असर उद्योग की लागत प्रतियोगितात्मकता पर पड़ता है।
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यह पूछे जाने पर कि क्या वे स्वामी की राय से सहमति रखती हैं सीतारमण ने कहा, मझौली कंपनियों ने हमसे संवाद किया है। उन्होंने भी यह बात उठाई है। एसएमई ने भी यह आवाज उठाई है। मंत्रालय के साथ संवाद में उद्योग जगत ने भी ऐसे ही विचार रखे हैं। उन्होंने कहा, हमने इस बारे में वित्त मंत्रालय को बताया है। हमने एक बार भारतीय रिजर्व बैंक को भी लिखा था। भारत में इंस्पेक्टर राज अब भी कायम होने संबंधी राजन के बयान पर मंत्री ने कहा कि राजग सरकार व्यापार सुगमता सुधारने के लिए प्रयास कर रही है और वह स्व प्रमाणन, कम निरीक्षण या निरीक्षण नहीं की ओर बढ़ी है।
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