अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने ऑनलाइन रिटेलर फ्लिपकार्ट की याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। फ्लिपकार्ट ने ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिए राज्य में लाए जाने वाली वस्तुओं पर प्रवेश कर लगाने को चुनौती दी है। कंपनी ने याचिका में कहा कि सरकार ऑनलाइन कारोबार के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार कर रही है।
मुख्य न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति वी एम पंचोली की खंडपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए 9 जून की तारीख तय की है। फ्लिपकार्ट ने दावा किया है कि यह कर भेदभावपूर्ण है, क्योंकि गुजरात में अन्य तरीकों से लाए जाने वाले उत्पादों पर कोई कर नहीं लगता। गुजरात सरकार ने कानून में संशोधन के जरिये ई-कामर्स पोर्टल के जरिये खरीदे जाने वाले सामान पर प्रवेश कर लगा दिया था। उसके बाद फ्लिपकार्ट ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
स्थानीय क्षेत्र में विशेष उत्पादों के प्रवेश के (संशोधन) विधेयक, 2016 31 मार्च को पारित किया गया था। अब ऑनलाइन खरीद पर 15 फीसदी का प्रवेश कर लगाया जा रहा है। फ्लिपकार्ट की दलील यह है कि वह कोई उत्पाद खुद नहीं बेचती, बल्कि विनिर्माताओं-कारोबारियों को ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध कराती है। ऐसे में यह कर अनुचित है। नए कानून में आयातक शब्द को संशोधित किया गया है जिससे इसके दायरे में देश के किसी हिस्से में भी ऑनलाइन प्लेटफार्म से खरीदे गए उत्पाद आ गए हैं।
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