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Hindi News पैसा बिज़नेस क्रूड ऑयल के सस्‍ता होने पर भी तेल कंपनियां इसलिए नहीं दे रही हैं भारतीय उपभोक्‍ताओं को ज्‍यादा फायदा, उठाया ये कदम

क्रूड ऑयल के सस्‍ता होने पर भी तेल कंपनियां इसलिए नहीं दे रही हैं भारतीय उपभोक्‍ताओं को ज्‍यादा फायदा, उठाया ये कदम

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर अपने मार्केटिंग मार्जिन में 1 रुपए प्रति लीटर की कटौती को बंद कर दिया है।

petrol pump- India TV Paisa Image Source : PETROL PUMP petrol pump

नई दिल्‍ली। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर अपने मार्केटिंग मार्जिन में 1 रुपए प्रति लीटर की कटौती को बंद कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों के कम होने से कंपनियों ने यह कदम उठाया है।

अक्‍टूबर में, कच्‍चे तेल की बढ़ती कीमतों से आम जनता को राहत देने के लिए वित्‍त मंत्रालय ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली एक्‍साइज ड्यूटी में प्रति लीटर 1.5 रुपए की कटौती की थी। इसके अलावा मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों से प्रति लीटर अपने मार्जिन में 1 रुपए की कटौती करने को कहा था।

एक सूत्र ने बताया कि हाल के हफ्तों में तेल की कीमतें काफी कम हो गई हैं, जिससे कंपनियों ने अपने मार्केटिंग मार्जिन को दोबारा पुराने स्‍तर पर ले जाने की अनुमति दी है। वित्‍त मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने बताया कि अक्‍टूबर में ही तेल कंपनियों से कहा गया था कि यदि क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट आती है तो वे धीरे-धीरे अपने मार्जिन को रिकवर कर लें। अब जब तेल के दाम काफी नीचे आ चुके हैं तो इसलिए कंपनियों ने अपने घाटे की पूर्ति करना शुरू कर दिया है।  

इसका मतलब है कि कच्‍चे तेल में आ रही गिरावट का अब पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं मिलेगा, क्‍योंकि तेल कंपनियों ने अपने मार्जिन को फ‍िर से पुराने स्‍तर पर पहुंचा दिया है। अंतरराष्‍ट्रीय कीमतों और भारत में ईंधन की कीमतों में कमी के बीच इसका अंतर साफ दिखाई पड़ता है। 1 अक्‍टूबर से लेकर अब तक ब्रेंट क्रूड, सिंगापुर गैसोलिन और अरब गल्‍फ डीजल की कीमतों में 37-40 प्रतिशत की कमी आ चुकी है, जबकि भारतीय पेट्रोल और डीजल की कीमत इस दौरान लगभग 17-18 प्रतिशत ही घटी है।

अधिकारियों ने कहा कि चालू वित्‍त वर्ष में मार्च अंत तक मार्जिन में हुई कटौती को पूरी तरह से खत्‍म कर दिया जाएगा। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिन्‍दुस्‍तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन का भारत के खुदरा ईंधन बाजार पर नियंत्रण है।

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