नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी फिच द्वारा रिलायंस कम्यूनिकेशंस (RCom) के कर्ज चूक करने से रेटिंग घटाए जाने के एक दिन बाद ही अनिल अंबानी ने अपने निवेशकों को यह भरोसा दिलाया है कि उनकी कंपनी की हालत सुधर रही है। बैंकों ने रणनीतिक पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत सात महीने तक कंपनी को ऋण की किस्त नहीं चुकानी होगी।
RCom के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कहा कि कंपनी में रणनीति बदलाव की योजना को कर्जदाताओं ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि वह RCom की रेटिंग घटाए जाने से निराश हैं। अब उनका प्रयास होगा कि वित्तीय साख फिर से पहले की तरह की जा सके। अंबानी ने आगे कहा कि हम अपने कर्ज में और कमी लाने के लिए आरकॉम के वैश्विक कारोबार की रणनीतिक बिक्री पर विचार कर सकते हैं। अंबानी ने बताया कि आरकॉम-एयरसेल विलय के बाद बनने वाली नई वायरलेस कंपनी का नाम एयरकॉम होगा। एयरकॉम में आरकॉम की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
इस साल जाएंगी 40,000 नौकरियां
वहीं दूसरी ओर आरकॉम के मुख्य वित्त अधिकारी पुनीत गर्ग ने कहा कि दूरसंचार उद्योग में इस साल 40,000 नौकरियां जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में इस उद्योग पर बहुत अधिक टैक्स का बोझ है। उन्होंने कहा कि जियो के आने के बाद इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक बढ़ गई है।
नई कंपनी के फ्री ऑफर्स और विघटनकारी कीमतों की वजह से उन्हें भारी घाटा हुआ है। गर्ग ने कहा कि जियो के आने के बाद से इंडस्ट्री का लाभ घटा है और अब यहां केवल संकट, संकट और बहुत अधिक संकट ही बचा है।
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