नई दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि हृदयघात के इलाज में काम आने वाले जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरण स्टेंट पर मूल्य नियंत्रण की नीति जारी रहेगी। सरकार ने उद्योग जगत से इस चिकित्सा यंत्र की उस बढ़ी मांग को पूरा करने के लिये भी तैयार रहने को कहा है जो कि बजट में घोषित वृहद स्वास्थ्य बीमा योजना के लागू होने के बाद संभवत: बाजार में पैदा हो सकती है। इस साल की शुरुआत में सरकार ने धातु स्टेंट और दवा वाले स्टेंट की कीमत में बदलाव किया था। पिछले साल इनकी कीमत में 85% तक कटौती की गई थी। ऊंचे दाम के चलते ह्रदयरोगी स्टेंट चिकित्सा को नहीं अपना पाते थे, लेकिन इसके दाम में भारी कटौती के बाद एक से डेढ लाख ज्यादा रोगियों ने इस इलाज को अपनाया और लाभान्वित हो रहे हैं।
बहरहाल, इस कटौती के बाद सरकार ने हाल में धातु स्टेंट की कीमत को मौजूदा 7,400 रुपये से बढ़ाकर 7,660 रुपये प्रति इकाई कर दिया है, जबकि दवा वाले स्टेंट की कीमत 30,180 रुपये से घटाकर 27,890 रुपये प्रति इकाई की गई। रसायन, उवर्रक एवं औषिधि मंत्री अनंत कुमार ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने इस साल फिर से स्टेंट की कीमत में बदलाव किया है। स्टेंट पर मूल्य नियंत्रण जारी रहेगा।’’
कुमार ने कहा कि देश में छह करोड़ से ज्यादा ह्रदयरोगी हैं जिनमें से पांच से साढ़े पांच लाख स्टेंट चिकित्सा अपनाते हैं। उन्होंने कहा कि स्टेंट के दाम को नियंत्रित करने से 5,500- 6,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
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