एक दशक बाद HDFC ने फिर की बाजार से पैसा जुटाने की तैयारी, 13 हजार करोड़ रुपए की है ये योजना
एचडीएफसी ने मंगलवार को घोषणा की है कि उसके बोर्ड ने बाजार से 13,000 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दे दी है।
मुंबई। भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचडीएफसी) ने मंगलवार को घोषणा की है कि उसके बोर्ड ने बाजार से 13,000 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दे दी है। एचडीएफसी तकरीबन दस साल बाद दोबारा बाजार से इतनी बड़ी राशि जुटाने जा रही है। इस राशि का इस्तेमाल कंपनी अपनी बैंकिंग इकाई में हिस्सेदारी को कायम रखने और दबाव वाली संपत्तियों तथा स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में उतरने के लिए करेगी।
देश के सबसे बड़े आवास ऋण कारोबारी द्वारा एक दशक में पहली बार इक्विटी जुटाने की योजना पेश की गई है। इसमें से 8,500 करोड़ रुपए की राशि का इस्तेमाल एचडीएफसी बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 21 प्रतिशत पर कायम रखने के लिए किया जाएगा। एचडीएफसी के वाइस चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी केकी मिस्त्री ने कहा कि निदेशक मंडल ने 13,000 करोड़ रुपए की इक्विटी जुटाने की मंजूरी दे दी है। आखिरी बार कंपनी ने 2007 में इक्विटी जुटाई थी। उससे पहले 1994 और 1987 में इक्विटी जुटाई थी। बाजार के दोहन को लेकर कंपनी काफी सतर्क है। इससे कई वर्षों के लिए पूंजी की जरूरत पूरी हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह राशि किसी भी रास्ते से, जैसे तरजीही निर्गम, पात्र संस्थागत नियोजन या किसी अन्य अनुमति वाले तरीके से जुटाई जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि यह राशि कब तक जुटाई जाएगी। मिस्त्री ने कहा कि इस बारे में ब्योरे को बोर्ड द्वारा गठित समिति द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा। मिस्त्री ने कहा कि हमने फरवरी, 2015 में एचडीएफसी बैंक के क्यूआईपी निर्गम में हिस्सा नहीं लिया था। इससे हमारी हिस्सेदारी घटकर 24 से 21.01 प्रतिशत पर आ गई थी। हम अपनी हिस्सेदारी को उसी स्तर पर रखना चाहते हैं। इसलिए 8,500 करोड़ रुपए की राशि का इस्तेमाल हिस्सेदारी कायम रखने के लिए किया जाएगा।