नई दिल्ली। होम लोन देने वाली प्रमुख कंपनी एचडीएफसी का एकल शुद्ध लाभ मार्च 2019 में समाप्त चौथी तिमाही में 26.8 प्रतिशत बढ़कर 2,862 करोड़ रुपए रहा। एचडीएफसी के निदेशक मंडल ने अपने शेयर धारकों को 17.50 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से अंतिम लाभांश देने का प्रस्ताव किया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी को 2,257 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था।
एचडीएफसी ने बयान में कहा कि समीक्षाधीन अवधि के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 11,586.58 करोड़ रुपए रही, जो कि इससे एक साल पहले मार्च तिमाही में 9,322.36 करोड़ रुपए थी।
तिमाही के दौरान, एचडीएफसी की ब्याज से शुद्ध आय सुधरकर 3,161 करोड़ रुपए रही। इसकी तुलना में एक साल पहले इसी तिमाही में यह आंकड़ा 2,650 करोड़ रुपए था। इसमें 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
कंपनी के निदेशक मंडल ने 17.50 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से अंतिम लाभांश देने का प्रस्ताव किया है। यह साढ़े तीन रुपए प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश से अलग है। इस तरह कंपनी ने 2018-19 के लिए कुल 21 रुपए का लाभांश दिया, जबकि 2017-18 में उसने 20 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से लाभांश दिया था।
इसके अलावा निदेशक मंडल ने कारोबार वृद्धि के वित्त पोषण के लिए निजी नियोजन के आधार पर 1.25 लाख करोड़ रुपए तक के भुनाने योग्य गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर या अन्य साधन जारी करने की भी अनुमति दी है। ये इक्विटी शेयर के रूप में नहीं होंगे।
कंपनी ने नसीर मुंजी और जेजे ईरानी को फिर से स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त करने की भी मंजूरी दे दी। पूरे वित्त वर्ष 2018-19 के लिए एचडीएफसी का शुद् लाभ 12 प्रतिशत गिरकर 9,632.46 करोड़ रुपए रहा, जो 2017-18 में 10,959.34 करोड़ रुपए था। एकीकृत आधार पर, कंपनी का शुद्ध मुनाफा 2017-18 में 13,111.21 करोड़ रुपए से बढ़कर 2018-19 में 17,580.51 करोड़ रुपए रहा।
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