मुंबई। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा के बाद जांच का दायरा एचडीएफसी बैंक तक पहुंच गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा के जरिए करीब 6000 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जिन चार लोगो को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया है, उनमें एक एचडीएफसी का कर्मचारी भी शामिल है। इस मामले में बैंक ने अपने एक कर्मचारी कमल कालरा को निलंबित भी कर दिया है। बैंक ने कहा कि जांच में ईडी को पूरा सहयोग करेंगे। वहीं इस मामले में बैंक आंतरिक जांच भी कर रहा है।
ईडी और सीबीआई ने छह की गिरफ्तारी
बैंक ऑफ बड़ौदा की अशोक विहार (दिल्ली) ब्रांच से हुए 6,000 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े में ईडी और सीबीआई अब तक छह लोगो को गिरफ्तार कर चुकी है। इन लोगो पर कस्टम ड्यूटी और टैक्स चोरी का आरोप है। इसके अलावा जिस कंपनी के नाम फंड ट्रांस्फर किया गया, वह भी नकली थी।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम
सीबीआई ने अशोक विहार ब्रांच के असिस्टेंट जनरल मैनेजर सुरेश कुमार गर्ग और फॉरन एक्सचेंज डिवीजन के हेड जैनिस दुबे को गिरफ्तार किया है। वहीं ईडी ने कथित तौर पर 15 खातों के लेन-देन में शामिल कमल कालरा, चंदन भाटिया, गुरुचरण सिंह और संजय अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। ईडी सूत्रों के मुताबिक जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है उन पर 15 फर्जी कंपनियों के लिए बिचौलिए का रोल अदा करने का आरोप है। ईडी के अनुसार इन लोगों ने 59 कंपनियों के लिए 6 हजार करोड़ रुपए से ऊपर की मनी लॉन्ड्रिंग की थी।
एचडीएफसी ने अपने कर्मचारी को किया निलंबित
कमल कालरा एचडीएफसी के फॉरन एक्सचेंज डिवीजन में काम करता था। बैंक ने अपने एक कर्मचारी कमल कालरा को निलंबित भी कर दिया है। एचडीएफसी बैंक ने मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को दी गई अपनी जानकारी में कहा है कि हम बेहतर कॉरपोरेट गवर्नेंस पर काम करते हैं। बैंक किसी भी गलत मामले में जीरो-टालरेंस की नीति अपनाता है। इस मामले में बैंक संगठनात्मक और कर्मचारी स्तरों पर कड़ी कार्रवाई करेगा।
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