नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से पूछा कि उसने अप्रैल, 2016 में बने कालाधन कानून को जुलाई, 2015 की पिछली तिथि से कैसे लागू किया। हाईकोर्ट ने गौतम खेतान नामक एक वकील की याचिका पर केंद्र से ये जवाब तलब किया है।
खेतान ने अपनी याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ उस संपत्ति को लेकर इस कानून के तहत कार्रवाई की गई है, जो इस कानून के लागू होने से पहले से उनके पास है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने कालाधन (अघोषित विदेशी आय और परिसंपत्तियां) तथा करारोपण के विभिन्न प्रावधानों की कानूनी वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर वित्त मंत्रालय और आयकर विभाग से जवाब मांगा है कि इसका पूर्वव्यापी प्रभाव किस प्रकार हुआ?
खेतान की ओर से वरिष्ठ वकीलों पी वी कपूर और सिद्धार्थ लूथरा ने केंद्र सरकार की उस अधिसूचना को चुनौती दी है, जिसके जरिए अप्रैल- 2016 में अधिनियमित कानून को जुलाई-2015 से प्रभावी बनाया गया था। खेतान 3,600 करोड़ रुपए के अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपियों में से एक हैं।
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