राजन ने दूसरे कार्यकाल में दिखाई अपनी रुचि, कहा अभी काफी कुछ करना बाकी है
रघुराम राजन ने इस पद पर दूसरे कार्यकाल में अपनी रुचि का संकेत देते हुए कहा कि इस काम में हर पल का आनंद लिया है लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।
लंदन। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने इस पद पर दूसरे कार्यकाल में अपनी रुचि का संकेत देते हुए कहा कि उन्होंने अपने इस काम में हर पल का आनंद लिया है लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने यह बात ऐसे समय की है, जब सत्तारूढ़ भाजपा में कुछ लोग उनके कार्यकाल का विस्तार किए जाने के खिलाफ हैं। राजन ने यहां कहा, चीजों को वास्तव में आगे बढ़ाने के मामले में मुझे संतोष है ताकि अर्थव्यवस्था में माहौल सुधरे। मैंने अपने काम के हर पल का आनंद लिया है।
इस सवाल पर कि यदि उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं दिया जाता है तो क्या केंद्रीय बैंक के प्रमुख के तौर पर उनका काम अधूरा रह जाएगा के जवाब में राजन ने सीएनबीसी चैनल से कहा, यह एक अच्छा सवाल है। मेरा मानना है कि हमने बहुत कुछ हासिल किया है, मेरा तात्पर्य है कि हमेशा ही कुछ न कुछ और करने को बचा ही रहता है। गौरतलब है कि वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने राजन को उनके पद से हटा देने की बात कही थी। स्वामी ने देश में औद्योगिक गतिविधियों में गिरावट और बेरोजगारी के लिए राजन की नीतियों को जिम्मेदार बताया है।
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भारत में बैंकों के लेहमेन की तरह ढहने की आशंका नहीं
फंसे कर्ज की समस्या से पार पा लेने का भरोसा जताते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारत में लेहमेन ब्रदर्स की तरह किसी बैंक के ढहने की गुंजाइश नहीं है और घरेलू अर्थव्यवस्था को बाहरी दबावों से बचाने के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया जा रहा है। इसके साथ ही राजन ने सार्वजनिक बैंकों के तत्काल निजीकरण की सभी मांगों को खारिज कर दिया और कहा कि उनके बैलेंस शीट को साफ किए जाने की जरूरत है क्योंकि अगर बैलेंस शीट सही साफ नहीं हुई तो कोई भी निजी निवेशक आगे नहीं आएगा।
नीतिगत ब्याज दरों में कटौती को लेकर कुछ ज्यादा ही सावधानी बरतने के लिए आलोचना का सामना करने वाले राजन ने संकेत दिया है कि वृद्धि को बल देने के लिए दरों में कटौती ही एक मात्र उपाय नहीं है। राजन ने कहा, मेरी राय में अर्थव्यवस्था के लिए सुरक्षा दीवार बनाने के लिए हम जो वास्तविक प्रयास कर रहे हैं उनमें पहला अच्छी नीतियों के साथ सुधार जो हमने हाल ही में लागू किए हैं। दूसरा हमारे रिण की परिपक्वता को बढाने की कोशिश है। हमने अपने ऋण, बाह्य ऋण की परिपक्वता काफी बढ़ाई है। तीसरा अपने आरक्षित भंडार बनाया है।
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