नई दिल्ली। कई वस्तुओं पर GST की दरों में भारी कटौती के बावजूद अगर कंपनियां उनके अधिकतम विक्रय मूल्य (MRP) को घटाने में ज्यादा समय लेती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय वित्त सचिव हसमुख अधिया ने रविवार को यह जानकारी दी, दूरदर्शन को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जिन वस्तुओं पर GST में कटौती की गई है उनके MRP में अगर जल्दी से कटौती नहीं की जाती है तो उस प्रोडक्ट को बनाने वाली कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
पुराने स्टॉक की दुहाई नहीं दे सकते रिटेलर
हसमुख आधिया ने यह भी कहा कि रिटेलर और कंपनियां पुराने स्टॉक की दुहाई देकर वस्तुओं को महंगे भाव पर बेचने की आजादी हासिल नहीं कर सकते, उन्होंने कहा कि सरकार ने कंपनियों और व्यापारियों को इनपुट क्रेडिट टैक्स की सुविधा दी हुई है जिसके माध्यम से वह अपनी तरफ से दिए हुए ज्यादा टैक्स को क्लेम कर सकते हैं लेकिन वह ऐसा तर्क देंगे कि पुराने स्टॉक की वजह से उपभोक्ताओं को GST दरों में कटौती का लाभ तुरंत नहीं दिया जा सकता दो सरकार इस तर्क को नहीं मानेगी।
31 दिसंबर तक समय है लेकिन इससे पहले बदलना होगा MRP
हसमुख आधिया ने इंटरव्यू में यह भी कहा है कि सरकार ने सभी कंपनियों और रेटेलर को 31 दिसंबर तक सभी वस्तुओं पर से पुराने MRP बदलकर उसपर घटे हुए नए MRP का स्टिकर लगाने को कहा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कंपनियां और रिटेलर दिसंबर का इंतजार करें, बल्कि घटी हुई नई कीमतें तुरंत प्रभाव से लागू हो जानी चाहिए।
कई वस्तुओं पर घट गई हैं GST की दरें
GST काउंसिल ने 10 नवंबर को 176 वस्तुओं पर GST की दर को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने की घोषणा की थी और 2 वस्तुओं पर टैक्स घटाकर 12 फीसदी किया गया था। इसके अलावा रेस्टोरेंट सेवाओं सहित कुछएक वस्तुओं पर टैक्स को घटाकर 5 फीसदी किया गया था। यह कटौती 15 नवंबर से लागू हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद इस तरह कि शिकायतें आई हैं कि रेस्टोरेंट्स मालिकों ने अपने खाने की कीमतों में कटौती नहीं की है, ऐसी शिकायतें भी मिली हैं कि कई वस्तुएं पुराने भाव पर ही बिक रही हैं। ऐसे में सरकार अब कंपनियों और रिटेलर के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
Latest Business News