एच1बी वीजा अब उतना महत्वपूर्ण नहीं है: नैस्कॉम
नैस्कॉम ने नए अमेरिकी आव्रजन विधेयक से जुड़ी आशंका को खारिज किया जिसके तहत भारतीय कंपनियों को सीमित एच1बी वीजा जारी करने का प्रस्ताव किया गया है।
कोलकाता। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के संगठन नैस्कॉम ने नए अमेरिकी आव्रजन विधेयक के संभावित नुकसानदेह असर से जुड़ी आशंका को खारिज किया जिसके तहत भारतीय कंपनियों को सीमित एच1बी वीजा जारी करने का प्रस्ताव किया गया है। नैस्कॉम के अध्यक्ष सी पी गुरनानी ने कहा, ऐसा वीजा प्रौद्योगिकी के इस दौर में अब उतना महत्वपूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस दौर में कंपनियां उत्पाद और सेवा आपूर्ति के लिए उपकरणों को उपयोग करेंगी।
नैस्कॉम उत्पाद सम्मेलन के मौके पर उन्होंने कहा, कंपनियां और अमेरिकी सीनेट एक दूसरे के खिलाफ हो सकती हैं। अमेरिकी कंपनियां को पता है कि उनका 70 फीसदी काम बाहर से हो रहा है। गुरनानी ने कहा कि इसके अलावा वीजा की लागत बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि नैस्कॉम अमेरिकी सरकार से अपील करेगी हालांकि कंपनियां पहले की तरह काम करेंगी। उन्होंने कहा, प्रौद्योगिकी खरीदना हमारे हित में है। नैस्कॉम के मुताबिक भारत की सूचना प्रौद्योगिकी आय में अमेरिका का हिस्सा 65 फीसदी है। नैस्कॉम ने मैकिंजी के साथ मिलकर अनुमान जताया है कि 2025 तक सूचना प्रौद्योगिकी की आय 250 अरब डॉलर को छू जाएगा।
निर्मला ने सेवा, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सुगम वीजा व्यवस्था की वकालत की
वाणिज्य मंत्रालय ने पर्यटन तथा सेवा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आसान वीजा व्यवस्था की वकालत की है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा, हम पर्यटन और चिकित्सा पर्यटन समेत कुछ सेवा क्षेत्रों में सुधार के लिए आसान वीजा व्यवस्था की सिफारिश करते रहे हैं। उन्होंने कहा, हम मंत्रालय में ई-वीजा और पहुंचने पर वीजा उपलब्ध कराने की व्यवस्था चाहते हैं ताकि जटिलता कम हो और सेवा क्षेत्र तथा पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिले। इसीलिए हमारे मंत्रालय की तरफ से यह सिफारिश गई है।
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अगर सैलानी बोध गया (बिहार जाता है और उसके बाद नेपाल जाता है तथा फिर सांची (मध्य प्रदेश) आना चाहता है तो एकल प्रवेश वीजा मददगार नहीं होगा। मंत्री ने कहा, बहु-प्रवेश वीजा मिलना चाहिए अन्यथा पर्यटक को फिर से वीजा हासिल करना होगा। इसीलिए हम इस प्रकार की विसंगतियों को दूर करना चाहते हैं। इन सिफारिशों का मकसद पर्यटन एवं अन्य सेवा क्षेत्रों को बढ़ावा देना है।
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