नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आर्थिक शाखा स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था वस्तु एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन से कुछ दिन पहले इस पर सवाल खड़ा किया है। मंच का कहना है कि GST से छोटे कारोबारी बुरी तरह प्रभावित होंगे और इससे चीन से आयात बढ़ेगा। मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि GST का क्रियान्वयन नजदीक आ रहा है। इसके साथ ही छोटे उद्यमियों और व्यापारियों की धड़कन बढ़ रही है।
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महाजन ने दावा किया कि लघु उद्योगों के लिए 1.5 करोड़ रुपए तक के उत्पादन पर उत्पाद शुल्क की छूट है। लेकिन GST प्रावधानों के तहत कोई भी इकाई जिसका कारोबार 20 लाख रुपए या उससे ऊपर होगा, को खुद को उस राज्य में GST के लिए पंजीकृत कराना होगा जहां वह कारोबार कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस कानून से लघु और कुटीर उद्योग बुरी तरह प्रभावित होंगे। ये उद्योग श्रम आधारित हैं और इनमें से ज्यादातर को ऊंचे कर के दायरे में रखा गया है। महाजन ने दावा किया कि लघु उद्योगों पर नकारात्मक असर से ग्रामीण इलाकों के लोगों का रोजगार छिनेगा और इसके साथ ही घरेलू उत्पादन घटने से चीन से आयात बढ़ेगा।
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वहीं सरकार का कहना है कि GST से आर्थिक वृद्धि दर में दो प्रतिशत अंक का इजाफा होगा। इससे देश का सबसे महत्वाकांक्षी कर सुधार बताया जा रहा है।
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