हैदराबाद। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने सोमवार को कहा कि अंतर-राज्यीय बिक्री पर एक फीसदी का अतिरिक्त कर लगाना वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की भावना के अनुरूप नहीं है और इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए। रंगराजन ने कहा कि मुझे लगता है कि जीएसटी अच्छी पहल है। निश्चित तौर पर जो एक फीसदी कर का विचार किया गया है, वह जीएसटी की भावना के खिलाफ है और इस पर अमल नहीं होना चाहिए।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले सप्ताह संकेत दिया था कि कांग्रेस की एक फीसदी अतिरिक्त शुल्क हटाने की मांग स्वीकार की जा सकती है लेकिन कहा था कि जीएसटी दर संविधान संशोधन विधेयक में शमिल करने की उनकी मांग नहीं मानी जा सकती। जीएसटी पर गतिरोध का हवाला देते हुए पिछली सरकार में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व अध्यक्ष रहे रंगराजन ने कहा कि लेकिन मुझे लगता है कि दूसरे मुद्दों पर लचीलापन होना चाहिए और हमें यह भी देखना चाहिए कि जिन पर सहमति बने वह राज्यों के लिए स्वीकार्य होना चाहिए। संभव है कि राज्य बहुत कड़े फॉर्मूले को पसंद न करें।
यह पूछने पर कि क्या काले धन का पता लगाने के लिए पर्याप्त कोशिश की जा रही है, रंगराजन ने कहा कि इसे वापस लाना एक चीज है और काले धन को जमा करने से रोकना दूसरी चीज है। देश की जीडीपी वृद्धि के बारे में रंगराजान ने कहा कि अर्थव्यवस्था पिछले साल के मुकाबले कुछ बेहतर रह सकती है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 7.5 फीसदी के आसपास रह सकती है, यह मेरा अनुमान है। देश के निर्यात कारोबार में लगातार गिरावट पर रंगराजन ने कहा कि भारत को इस दौरान कम आयात का भी फायदा हुआ है।
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