A
Hindi News पैसा बिज़नेस GSTN की दक्षता पर निर्भर करेगी GST की सफलता : उद्योग जगत

GSTN की दक्षता पर निर्भर करेगी GST की सफलता : उद्योग जगत

उद्योग जगत का मानना है कि इस देशव्यापी नई इनडायरेक्‍ट टैक्‍स सिस्‍टम (GST) की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि जीएसटी नेटवर्क (GSTN) कितना दक्ष और मजबूत है।

GSTN की दक्षता पर निर्भर करेगी GST की सफलता : उद्योग जगत- India TV Paisa GSTN की दक्षता पर निर्भर करेगी GST की सफलता : उद्योग जगत

नई दिल्ली देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) को अमल में लाने को लेकर उद्योग जगत के मन में अब भी कई तरह के सवाल हैं और उसका मानना है कि इस देशव्यापी नई इनडायरेक्‍ट टैक्‍स सिस्‍टम (GST) की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि जीएसटी नेटवर्क (GSTN) कितना दक्ष और मजबूत है। इसके साथ ही उद्योग जगत का मानना है कि GST प्रणाली के बारे में छोटे एवं मध्यम कारोबारियों में जागरुकता लाना भी जरूरी है।

यह भी पढ़ें :पीएम कार्यालय के निर्देश के बाद एक्शन में ईडी, देशभर में 500 संदिग्ध कंपनियों के खिलाफ चलाया तलाशी अभियान

ऐसी होगी जीएसटी प्रणाली

जीएसटी प्रणाली पूरी तरह ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली पर आधारित होगी और यही नेटवर्क जीएसटी नेटवर्क (GSTN) कहलाएगा। उद्योग जगत के अप्रत्यक्ष कर विशेषज्ञों का कहना है कि GSTN कितनी दक्षता के साथ चलेगा और छोटे व्यापारी से लेकर बड़े-बड़े उद्योगों के स्तर पर यह कितनी सुलभता के साथ उपलब्ध होगा, इसी पर GST की सफलता निर्भर करेगी।

पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल की अप्रत्यक्ष कर समिति के अध्यक्ष बिमल जैन ने इस संबंध में कहा कि

सरकार को GSTN के मामले में पूरी तैयारी के साथ आगे आना चाहिए। अभी तक राज्यों में वैट प्रणाली कागजी कार्रवाई के जरिए चलती आ रही है, अब यह पूरी व्यवस्था कागज-रहित होने जा रही है। ऐसे में GST के पूरे नेटवर्क को दक्ष और मजबूत होना चाहिए।

सरकार देश में एक जुलाई से जीएसटी प्रणाली लागू करने जा रही है। लोकसभा में GST को लागू करने संबंधी चार विधेयक को मंजूरी मिल चुकी है। GST पर गठित जीएसटी काउंसिल इसके लिए नियम और दूसरे जरूरी काम निपटा रही है। नियमों के पांच सेटों को मंजूरी दे दी गई है और चार अन्य पर सहमति बन गई है।

यह भी पढ़ें :मोबाइल वॉलेट्स और बायोमेट्रिक लेनदेन के कारण खत्‍म हो जाएगा ATM, क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स का चलन : अमिताभ कांत

उद्योग मंडल एसोचैम की अप्रत्यक्ष कर समिति के चेयरमैन निहाल कोठारी ने कहा कि

सरकार को कम से कम दो महीने नये GSTN और मौजूदा कर प्रणाली को साथ-साथ चलाना चाहिए। GST को अमल में लाने से पहले प्रणाली का परीक्षण किया जाना चाहिए। नेटवर्क में जब 70 लाख लोग एक साथ बिल अपलोड करेंगे तो सिस्टम कितनी दक्षता के साथ काम करेगा यह देखने की बात है।

कोठारी ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था में विभिन्न सामान और सेवाओं की कर दर में बदलाव होगा। किस सामान पर किस दर से कर लगेगा अभी यह भी तय होना है। कारोबारियों को यह समझना है कि उनके सामान पर किस दर से कर लगेगा। सेवाओं पर भी अलग अलग दर से कर लगाने की बात है। छोटी सेवाओं पर कम दर से जबकि बड़ी सेवाओं पर 18 प्रतिशत की मानक दर से कर लग सकता है।

यह भी पढ़ें :बीते हफ्ते सोने में 80 रुपए की गिरावट दर्ज, चांदी हुई 850 रुपए किलो महंगी

बिमल जैन ने कहा कि GST प्रणाली के बारे में छोटे एवं मध्यम कारोबारियों में जागरुकता लाना भी जरूरी है। जीएसटीएन में त्वरित गति के साथ चीजें अपलोड होंगी अथवा नहीं होंगी। छोटे व्यापारी इसका इस्तेमाल किस प्रकार करेंगे। दूरदराज इलाकों में कंप्यूटर प्रणाली पूरी गति के साथ काम करेगी अथवा नहीं इन सभी बातों को देखना है। उन्होंने कहा कुल मिलाकर दो-तीन माह बदलाव का समय होगा इसमें परेशानियां सामने आएंगी।

Latest Business News