नई दिल्ली। जीएसटी मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश के मैगी के एक डीलर को कर दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देने का दोषी पाया है। इस मैगी डीलर को 90,778 रुपए की मुनाफाखोरी का दोषी पाया गया है।
राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण (एनएए) ने उत्तर प्रदेश की कुंज लुब मार्केर्टिंग को शिकायतकर्ता को 2,253 रुपए अदा करने और शेष 88,525 रुपए उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा कराने का निर्देश दिया है।
एनएए के पास आए मामले के अनुसार कुंज लुब ने मैगी नूडल्स के 35 ग्राम के पैक (एमआरपी पांच रुपए) पर जीएसटी दर को 18 से घटाकर 12 प्रतिशत करने का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया। मैगी नूडल्स के एक खुदरा विक्रेता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 15 नवंबर, 2017 को जीएसटी दर में कटौती के बावजूद उत्पाद के आधार मूल्य को बढ़ाकर एमआरपी को कर में कटौती से पहले के स्तर पर लाया गया।
कुंज लुब ने हालांकि अपनी दलील में कहा कि पांच रुपए एमआरपी वाले पैक में कर लाभ को 12 रुपए एमआरपी (70 ग्राम) वाले पैक के दाम घटाकर दिया गया। उसने कहा कि 12 रुपए एमआरपी वाले पैक के दाम में एक रुपए की कटौती की गई, जो जीएसटी में हुई कटौती से अधिक है। एनएए ने अपने आदेश में कहा कि कुंज लुब के पास मनमाने तरीके से यह फैसला करने का अधिकार नहीं है कि वह किस उत्पाद पर कर लाभ दे और किस पर नहीं।
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