नई दिल्ली। कॉटन टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल (टेक्सप्रोसिल) ने कुटीर उद्योगों में तैयार कपड़ों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें कम करने का स्वागत किया है। संगठन ने कहा कि इससे रेडीमेड वस्त्रों एवं परिधानों की लागत कम होगी और घरेलू उत्पाद प्रतिस्पर्धी होंगे। इससे इन उत्पादों का निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।
जीएसटी परिषद ने 21 जुलाई को हुई बैठक में कुटीर एवं लघु उद्योगों में तैयार होने वाले कई कपड़ा उत्पादों जैसे हाथ से बने कालीन एवं दरियां, हस्तनिर्मित पट्टियां, हाथ से बुने तस्वीरों वाले कपड़े, फीते पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी।
संगठन के चेयरमैन उज्ज्वल लाहोटी ने यहां जारी बयान में कहा, ‘‘इस सुविधा से निश्वचित तौर पर कपड़ों के दाम कम होंगे और उत्पाद प्रतिस्पर्धी बनेंगे।’’ उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद के इस निर्णय से एसएमई क्षेत्र को फायदा होगा। लाहोटी ने जीएसटी परिषद के इस कदम को सही दिशा में उठाया गया कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से मेड-अपस और गार्मेंट्स के दाम कम होंगे और निर्यात बाजार में प्रतिस्पर्धा में उनका लाभ मिलेगा।
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