नयी दिल्ली। 1 जुलाई से लागू होने जा रहे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर कारोबारी हलकों में भी हलचल शुरू हो गई है। आज जीएसटी परिषद की बैठक है। इससे पहले छोटे व्यापारियों के संगठन कैट ने 28 प्रतिशत कर दायरे में रखी गई वस्तुओं की पुनर्समीक्षा की मांग की है और कहा है कि इसे सिर्फ विलासी वस्तुओं पर ही लगाया जाना चाहिए। यह भी पढ़ें: Royal Enfield: GST से पहले सस्ती हुई बुलेट, जानिए किस मॉडल पर कितने घटे दाम
कैट ने एक बयान में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत 28 प्रतिशत की कर दायरे में रखी गई वस्तुओं के वर्गीकरण पर सवाल उठाया है। उसने वित्त मंत्री अरुण जेटली से इन वस्तुओं की पुनर्समीक्षा की मांग की है। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कर की यह दर व्यापारियों के बीच व्याकुलता का प्रमुख कारण बन गई है जो पिछले दो दिन से हड़ताल पर हैं और इन वस्तुओं को संबंधित निचली दरों के तहत रखने की मांग कर रहे हैं। कैट का कहना है कि इस कर दर को केवल विलासी वस्तुओं पर लगाया जाना चाहिए।
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