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राज्यों को क्षतिपूर्ति भुगतान पर चर्चा के लिये जीएसटी परिषद की 27 अगस्त को बैठक

परिषद की पूर्ण बैठक 19 सितंबर को होगी

<p class="MsoNormal" style="background: white;"><span...- India TV Paisa Image Source : PTI GST Council to meet on Aug 27 

नई दिल्ली। राज्यों को राजस्व क्षतिपूर्ति देने और इस क्षतिपूर्ति के लिए राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज उठाने पर महान्यायवादी (Attorney General) की राय पर विचार को लेकर जीएसटी परिषद की 27 अगस्त को बैठक हो सकती है। सूत्रों ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 41वी बैठक का एकमात्र एजेंडा राज्यों की क्षतिपूर्ति का होगा। यह बैठक वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये होगी। इसके अलावा परिषद की पूर्ण बैठक 19 सितंबर को होगी। इसका एजेंडा अभी तय होना बाकी है।

सूत्रों ने कहा था कि अटॉर्नी जनरल (सरकार का मुख्य विधि अधिकारी) की राय है कि केंद्र के पास राज्यों के जीएसटी राजस्व में किसी भी कमी के लिए उसकी भरपाई अपने कोष से करने को लेकर कोई वैधानिक दायित्व नहीं है। उसने संकेत दिया था कि अटॉर्नी जनरल की राय को देखते हुए राज्यों को राजस्व में कमी को पूरा करने के लिये बाजार उधारी के विकल्प को देखना पड़ सकता है। इस बारे में जीएसटी परिषद अंतिम निर्णय करेगा। केंद्र सरकार ने मार्च में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से क्षतिपूर्ति कोष में कमी को पूरा करने के लिये जीएसटी परिषद द्वारा बाजार से कर्ज लेने की वैधता पर राय मांगी थी। क्षतिपूर्ति कोष का गठन लग्जरी और अहितकर वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाकर किया गया है। इसके जरिये राज्यों को जीएसटी लागू करने से राजस्व में होने वाली किसी भी कमी की भरपाई की जाती है। अटॉर्नी जनरल ने यह भी राय दी थी कि परिषद को पर्याप्त राशि उपलब्ध कराकर जीएसटी क्षतिपूर्ति कोष में कमी को पूरा करने के बारे में निर्णय करना है। सूत्रों के अनुसार परिषद के पास कमी को जीएसटी दरों को युक्तिसंगत कर, क्षतिपूर्ति उपकर के अंतर्गत कुछ और कमोडिटी को शामिल कर अथवा उपकर को बढ़ाकर या राज्यों को अधिक उधार की अनुमति देने जैसे विकल्प हैं। बाद में राज्यों के कर्ज भुगतान क्षतिपूर्ति कोष में भविष्य में होने से संग्रह से किया जा सकता है। चूंकि मौजूदा हालात में कर या उपकर की दरों को बढ़ाना व्यवहारिक नहीं है, ऐसे में यह विकल्प बचता है कि प्रत्येक राज्य अपनी संचित निधि के एवज में बाजार से कर्ज लें।

जीएसटी कानून के तहत राज्यों को माल एवं सेवा कर के क्रियान्वयन से राजस्व में होने वाले किसी भी कमी को पहले पांच साल तक पूरा करने की गारंटी दी गयी है। जीएसटी एक जुलाई, 2017 से लागू हुआ। कमी का आकलन राज्यों के जीएसटी संग्रह में आधार वर्ष 2015-16 के तहत 14 प्रतिशत सालाना वृद्धि को आधार बनाकर किया जाता है।

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