नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों को संवैधिानिक रूप से वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में शामिल कर लिया गया है मगर डीजल और पेट्रोल पर जीएसटी की दरें कब से लागू होंगी इसपर फैसला जीएसटी परिषद लेगी। जीएसटी परिषद में सभी राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल हैं।
राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 279 ए (5) में कहा गया है कि जीएसटी परिषद पेट्रोलियम क्रूड, डीजल, मोटर स्प्रिट, प्राकृतिक गैस और विमान तेल (एटीएफ) पर जीएसटी लागू करने की तिथि की सिफारिश करेगी।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार पेट्रोलियम उत्पादों को संवैधानिक रूप से जीएसटी के तहत लाया गया है लेकिन उनपर जीएसटी लगाने की तिथि जीएसटी परिषद के फैसले के आधार पर तय होगी। जीएसटी परिषद में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त या कराधान प्रभारी मंत्री शामिल हैं।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हो रही वृद्धि के मसले पर प्रधान ने कहा कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण क्रमश: 26 जून 2010 और 19 अक्टूबर 2014 से बाजार के हवाले कर दिया है। तब से तेल विपणन कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में उत्पादों की कीमतों के अनुसार, पेट्रोल और डीजल की कीमतों के निर्धारण पर समुचित फैसले लेती है।
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