नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को होने वाली बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने काउंसिल से छोटे व्यापारियों के समक्ष आ रही परेशानियों का निराकरण करने का निर्देश दिया है। ऐसे में छोटे निर्यातकों को तेजी से धन वापसी के साथ अनुपालन के संदर्भ में कुछ राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है।
अधिकारियों ने कहा कि माल एवं सेवा कर काउंसिल (जीएसटी) की पूर्ण बैठक में जीएसटी नेटवर्क के कामकाज में सुधार का भी आकलन किए जाने की संभावना है। काउंसिल की यह 22वीं बैठक होगी। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि जीएसटीएन में गड़बड़ी पर गौर करने के लिए बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी की अगुवाई में मंत्रियों का समूह गठित किया गया है। समूह पोर्टल के काम के बारे में परिषद को जानकारी देगा।
निर्यातकों से जुड़े मुद्दों पर गौर करने के लिए राजस्व सचिव हसमुख अधिया की अध्यक्षता में गठित समिति अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट कल दे सकती है। उसके आधार पर काउंसिल निर्यातकों को कुछ राहत देने के लिए सिफारिश कर सकती है ताकि रिफंड के रूप में फंसी उनकी कार्यशील पूंजी जल्दी जारी हो सके।
साथ ही केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) काउंसिल को यह सूचित करेगा कि वह 10 अक्टूबर से एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) रिफंड के लिए तैयार है। राजस्व सचिव के साथ पिछले महीने बैठक में निर्यातकों ने कहा था कि उनके जीएसटी रिफंड में अनुमानत: 65,000 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं।
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