नई दिल्ली। अगर वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली के तहत ज्यादा टैक्स कलेक्शन का सिलसिला अगले कुछ महीनों में भी जारी रहता है तो GST काउंसिल आम उपभोग वाली वस्तुओं पर कर घटाने पर विचार कर सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने ने कहा कि GST प्रणाली के तहत पहले महीने का कलेक्शन प्रोत्साहित करने वाला रहा है अगर बढ़त का यह क्रम दिसंबर तक जारी रहता है तो टैक्स रेट में कटौती की संभावना बन सकती है।
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अपना नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि कर में कटौती या तो आम उपभोग वाली वस्तुओं के लिए हो सकती है या मुख्य दर में कमी की जा सकती है जिसका फायदा उपभोक्ताओं को होगा। हालांकि, अधिकारी ने यह भी कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली GST काउंसिल इस पहलू पर तभी विचार करेगी जबकि स्पष्ट संकेत सामने आएगा। यह संकेत नवंबर के टैक्स कलेक्शन से मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि GST प्रणाली का कार्यान्वयन एक जुलाई से किया गया है। पहले महीने के लिए कुल करदाता आधार में से केवल 64.42 प्रतिशत से ही 92,283 करोड़ रुप, का कर संग्रहण हुआ। इसमें से 14,894 करोड़ रुपए केंद्रीय GST (सीजीएसटी) और 22,722 करोड़ रुपए राज्य GST (एसजीएसटी) से आए। इसके अलावा 47,469 करोड़ रुपए एकीकृत GST (आईजीएसटी) से प्राप्त हुए। सरकार को 7,198 करोड़ रुपए मुआवजा सेस के तौर पर प्राप्त हुए हैं। सभी करदाताओं के रिटर्न फाइल किए जाने पर संग्रहण और अधिक रहने की उम्मीद है। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने जुलाई माह के लिए 91,000 करोड़ रुपए राजस्व मिलने का अनुमान लगाया था।
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इस बीच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अगस्त महीने में भारतीय करदाताओं के साथ चार और अग्रिम मूल्य समझौते किए। बोर्ड ने ट्रांसफर प्राइसिंग में निश्चितता लाते हुए मुकदमेबाजी को कम करने के अपने प्रयासों के तहत यह कदम उठाया है। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उक्त चार अग्रिम मूल्य समझौते दूरसंचार, बैंकिंग, विनिर्माण और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हैं।
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