नयी दिल्ली: माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की शुक्रवार को हुई बैठक में कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी दर में कोई बदलाव नहीं किया गया। हालांकि, ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा के आयात पर शुल्क में छूट का फैसला किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिषद की बैठक के बाद बताया कि चिकित्सा सामग्री और टीके पर कर ढांचे को लेकर मंत्रियों का समूह विचार विमर्श करेगा।
वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 43वीं बैठक का आयोजन शुक्रवार को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये हुआ। परिषद में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और प्रतिनिधि शामिल हैं। बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि परिष्ज्ञद ने ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा एम्फोटेरिसिन- बी के आयात को एकीकृत जीएसटी से छूट देने का फैसला लिया गया है। इस पर वर्तमान में पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘राज्यों की जीएसटी राजस्व की क्षतिपूर्ति के लिये केन्द्र सरकार पिछले साल की तरह ही इस साल भी कर्ज उठायेगी और उसे राज्यों को जारी करेगी। इस साल यह राशि 1.58 लाख करोड़ रुपये होगी।’’ जीएसटी व्यवस्था लागू होने के समय शुरू की गई उपकर व्यवस्था के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई 2022 के बाद भी उपकर व्यवसथा को लागू रखने के मुद्दे पर विचार करने के लिये जीएसटी परिषद का एक विशेष सत्र बुलाया जायेगा जिसमें केवल इस बारे में ही चर्चा होगी।
उल्लेखनीय है कि जुलाई 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू करते समय राज्यों को पांच साल तक उनकी राजस्व में आने वाली कमी की भरपाई के लिये कुछ खास वस्तुओं पर उपकर लगाने की व्यवस्था शुरू की गई थी। उपकर से मिलने वाली राशि को राज्यों को उनके राजस्व भरपाई के लिये जारी किया जाता है। परिषद की आज की बैठक में छोटे करदाताओं को माफी योजना के जरिये देरी से रिटर्न फाइल करने पर राहत की घोषणा की गई है।
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