श्रीनगर। GST परिषद ने यहां आज शुरू अपनी दो दिन की बैठक के पहले दिन 80 से 90 प्रतिशत वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दरों का निर्धारण कर लिया है। प्रस्तावित जीएसटी व्यवस्था में चार स्तर की दरें रखी गई हैं, जिनमें रोजमर्रा के इस्तेमाल की आवश्यक वस्तुओं पर पांच प्रतिशत की न्यूनतम दर रखी गई है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 80 से 90 प्रतिशत वस्तुओं, सेवाओं के बारे में यह तह हो गया है कि उन्हें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के कर ढांचे में कहां रखा जाएगा। फिटमेंट इस तरीके से किया गया है कि लोगों पर नई कर व्यवस्था के कारण कर का बोझ नहीं बढ़े। इसलिए वस्तुओं और सेवाओं को उनके ऊपर इस समय लागू उत्पाद शुल्क, वैट या सेवा कर को ध्यान में रखकर जीएसटी की विभिन्न दरों के साथ जोड़ा जा रहा है। समझा जाता है कि कल बैठक संपन्न होने के बाद तय कर दरों का पूरा ब्योरा उपलब्ध हो पाएगा।
विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों ने रेशमी धागे, पूजा की सामग्री और हस्तशिल्प उत्पादों को जीएसटी दरों में छूट की मांग की है। हालांकि, जेटली का मानना है कि जीएसटी के तहत न्यूनतम छूट दी जानी चाहिए और यह आवश्यक होने पर ही दी जानी चाहिए। जीएसटी राष्ट्रीय बिक्रीकर होगा, जो वस्तुओं के उपभोग या सेवाओं के इस्तेमाल पर लगाया जाएगा। यह 16 मौजूदा शुल्कों और करों का स्थान लेगा।
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