नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (GST) दरों पर फैसला अगले महीने के लिए टाल दिया गया है। हालांकि, केंद्र और राज्य लक्जरी और अहितकर उत्पादों पर उच्चतम दर के साथ उस पर उपकर लगाने को लेकर सहमति की दिशा में बढ़ चुके हैं। इस उपकर का इस्तेमाल 1 अप्रैल, 2017 से पहले पांच साल के दौरान राज्यों को राजस्व-हानि की स्थिति में उसकी भरपाई के लिए किया जाएगा। जीएसटी परिषद की दो दिन की बैठक के संपन्न होने तक चार स्लैब के कर ढांचे 6, 12, 18 और 26 प्रतिशत पर अनौपचारिक सहमति बन बन गई है।
वित्त मंत्री अरण जेटली ने कहा कि GST परिषद की अगली बैठक 3-4 नवंबर को होगी जिसमें कर की दरों पर फैसला किया जाएगा। पहले GST परिषद की बैठक तीन दिन के लिए होनी थी। वित्त मंत्री ने कहा कि GST परिषद राज्यों को मुआवजे के लिए वित्तपोषण के स्रोत को लेकर सहमति की दिशा में आगे बढ़ चुकी है। कर ढांचे के बारे में उन्होंने कहा, कर-स्लैब की संख्या (कर के स्तरों) को कम से कम रखना है तो हम कर कम या अधिक नहीं रख सकते।
- निचली दर आवश्यक वस्तुओं और ऊंची दर लक्जरी व तंबाकू, सिगरेट, शराब जैसे अहितकर उत्पादों के लिए होगी।
- हालांकि, इस पर फैसला अगली बैठक तक के लिए टाल दिया गया है।
- शून्य कर दर वाले उत्पादों को तय करना और उन उत्पादों पर 6 प्रतिशत की दर लगाना सरकार का लक्ष्य।
- इन पर अभी 3 से 9 प्रतिशत का कर लग रहा है।
- जेटली ने कहा, हम कर ढांचे को अगली बैठक में अंतिम रूप देंगे।
- उन्होंने संकेत दिया कि इस समय दो मानक दरों- 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत , पर विचार विमर्श चल रहा है।
- जीएसटी परिषद की 9-10 नवंबर को दोबारा बैठक होगी जिसमें कानून के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा।
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