A
Hindi News पैसा बिज़नेस जीएसटी परिषद का एक्स्ट्रा-न्यूट्रल अल्कोहल पर टैक्स राज्यों के अधिकार क्षेत्र में बनाए रखने का निर्णय

जीएसटी परिषद का एक्स्ट्रा-न्यूट्रल अल्कोहल पर टैक्स राज्यों के अधिकार क्षेत्र में बनाए रखने का निर्णय

फैसले के मुताबिक फिलहाल ईएनए को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जायेगा और राज्य इस पर मूल्य वर्धित कर और बिक्री कर लगाना जारी रखेंगे।

<p>जीएसटी के दायरे में...- India TV Paisa Image Source : PTI जीएसटी के दायरे में नहीं आयेगा ईएनए

नई दिल्ली। जीएसटी परिषद ने शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख कच्चा माल एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) पर राज्यों के टैक्सेशन के अधिकार पर यथास्थिति बनाये रखने का निर्णय किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली परिषद की 28 मई को 43वीं बैठक में यह निर्णय किया गया कि फिलहाल ईएनए को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जायेगा और राज्य इस पर मूल्य वर्धित कर और बिक्री कर लगाना जारी रखेंगे। परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के संयुक्त सचिव एस के रहमान ने कहा कि ईएनए पर जीएसटी लगाया जाना है या राज्य सरकारें कर जारी रखेंगी, इस मुद्दे पर अब तक लगभग तीन या चार बार जीएसटी परिषद की बैठकों में चर्चा की गई है। 

रहमान ने उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘काफी हद तक अंतिम निर्णय हुआ है कि इस मुद्दे को बार-बार न उठाया जाए। यथास्थिति बनायी रखी जाए। यानी राज्य सरकारें शराब बनाने में उपयोग होने वाले ईएनए पर वैट और बिक्री कर लगाती रहें। जीएसटी परिषद की 43वीं बैठक में यह निर्णय किया गया है।’’ वर्तमान में, शराब या पीने वाली शराब जीएसटी के दायरे से बाहर है और राज्य उन पर कर लगाने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, औद्योगिक अल्कोहल वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में है। ईएनए गन्ने के शीरे और अनाज से बना उत्पाद है और यह मानव उपभोग वाला अल्कोहल नहीं है। लेकिन व्हिस्की, देशी शराब आदि के उत्पादन में कच्चे माल के रूप में इसका उपयोग होता है। औषधि उद्योग भी ईएनए का उपयोग खांसी की दवा (सिरप) और साज-श्रृंगार से जुड़ा उद्योग ईत्र बनाने में करता है। दवा उद्योग ईएनए को जीएसटी में शामिल करने की मांग कर रहा है ताकि वह इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ले सके। हालांकि राज्यों का कहना है कि अगर ईएनए को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो उनके लिये अपने प्रदेश में अल्कोहल उत्पादन पर निगरानी रखना कठिन होगा। 

 

यह भी पढ़ें: ऑटो सेक्टर की बिक्री सुधरी, जानिये जून में कैसा रहा कंपनियों का प्रदर्शन

यह भी पढ़ें: शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज, निफ्टी 15700 से नीचे हुआ बंद

Latest Business News