पहली जुलाई से GST का रास्ता लगभग साफ, CGST और IGST कानून को काउंसिल की मंजूरी
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली GST काउंसिल ने शनिवार को केंद्रीय GST (CGST) और इंटीग्रेटेड GST (IGST) विधेयकों को हरी झंडी दे दी है।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल ने शनिवार को केंद्रीय GST (CGST) और इंटीग्रेटेड GST (IGST) विधेयकों को हरी झंडी दे दी है। पत्रकारों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि GST काउंसिल ने CGST और IGST कानून के अंतिम मसौदे को मंजूरी दी।
उल्लेखनीय है कि CGST और IGST का रास्ता साफ होने के बाद पहली जुलाई से देश के सबसे बड़े टैक्स बदलाव के प्रभावी होने के राह की बड़ी बाधा दूर हो गई है।
#GST Council clears final draft of C-GST and I-GST laws, says #FinanceMinister #ArunJaitley.
— Press Trust of India (@PTI_News) March 4, 2017
वित्त मंत्री ने कहा
SGST के मसौदे को भी जल्दी ही मंजूरी मिलने वाली है, यह विधेयक राज्यों की विधानसभाओं द्वारा अनुमोदित किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि
GST काउंसिल IGST और CGST विधेयक पर मार्च के मध्य में होने वाली अगली बैठक में अंतिम निर्णय करेगी।
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इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
- मित्रा ने कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकारें ढाबा और छोटे रेस्तरां कारोबारियों के लिये एक निपटान योजना रखने पर सहमत हुए हैं।
- उन्होंने कहा, राज्य यह मांग कर रहे थे कि ढाबा और छोटे रेस्तरां निपटारा योजना अपना सकते हैं।
- केंद्र इस पर सहमत हो गया है कि इन छोटे कारोबारी पर 5 प्रतिशत कर लगेगा और यह केंद्र एवं राज्यों के बीच बराबर बांटा जाएगा।
- दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि परिषद की आज की बैठक में CGST तथा IGST विधेयकों पर व्यापक रूप से सहमति रही।
- उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट को GST के दायरे में लाया जाना चाहिए।
- हर कोई जानता है कि जमीन जायदाद के क्षेत्र में काफी कालाधन प्रयोग होता है।
- ऐसे में रियल एस्टेट को GST के दायरे में लाने से कालाधन पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
रविवार की जगह 14 और 15 मार्च को होगी GST काउंसिल की बैठक
- शनिवार को GST काउंसिल की 11वीं बैठक में राज्य GST और केंद्र शासित GST के मसौदा कानून पर भी मुहर लगने का अनुमान है।
- काउंसिल की बैठक रविवार को भी होनी थी लेकिन अब यह 14 और 15 मार्च को होगी।
- सभी मुद्दे साफ होने के बाद सरकार मॉडल GST कानून संसद में पेश करेगी।
- इसमें CGST कानून, SGST कानून, IGST कानून, UTGST कानून और क्षतिपूर्ति कानून का मसौदा होगा।
- जम्मू कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने कहा कि विधेयकों में कुछ मामूली संपादकीय बदलाव की जरूरत है और उसे फिर से कानूनी विभाग को भेजा जाना है।
- मित्रा ने कहा कि IGST कानून राज्य एवं केंद्र के अधिकारियों को एक-दूसरे के वर्ग में आने वाली इकाइयों की जांच का अधिकार देगा।
- उन्होंने जोर देकर कहा कि इस बात पर सहमति बनी कि राज्यों के पास केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आने वाली इकाइयों की जांच का अधिकार होगा।
- साथ ही, हम इसे अधिसूचना के रूप में नहीं चाहते।
- हम इसे कानून के अंदर ही रखना चाहते हैं ताकि भविष्य में कोई दूसरी परिषद आये और यह न कह दे कि राज्यों के पास यह अधिकार नहीं होगा।
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पिछले महीने क्षतिपूर्ति विधेयक के मसौदे को मिली थी काउंसिल की मंजूरी
- GST काउंसिल ने पिछले महीने GST क्षतिपूर्ति विधेयक के कानूनी रूप से दुरुस्त किए गए मसौदे को मंजूरी दे दी।
- आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने 28 फरवरी को कहा था कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) सभी राज्यों में 1 जुलाई से लागू होगा।
- सभी राज्यों ने इस तारीख पर सहमति जताई है।
सरकार की योजना बजट सत्र के दूसरे भाग के लिए संसद की कार्यवाही 9 मार्च को शुरू होने से पहले GST काउंसिल की 4-5 मार्च को होने वाली बैठक में IGST (समेकित जीएसटी), CGST (केंद्रीय जीएसटी) और SGST (राज्य जीएसटी) मसौदों को मंजूरी दिलाने की है।