नई दिल्ली। जीएसटी संग्रह के लिहाज से नया वित्त वर्ष 2019-20 बेहतरीन साबित हो रहा है। अप्रैल में 1.13 लाख करोड़ रुपए का राजस्व संग्रह हासिल करने के बाद मई में भी जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्विट कर बताया कि मई, 2019 में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,00,289 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले समान माह में यह आंकड़ा 94,016 करोड़ रुपए था।
उन्होंने बताया कि कुल राजस्व संग्रह में सीजीएसटी 17,811 करोड़ रुपए, एसजीएसटी 24,462 करोड़ रुपए, आईजीएसटी 49,891 करोड़ रुपए रुपए (आयात पर शुल्क से प्राप्त 24,875 करोड़ सहित) और उपकर 8,125 करोड़ रुपए (आयात पर शुल्क से प्राप्त 953 करोड़ रुपए सहित) शामिल है।
नई वित्त मंत्री ने बताया कि 31 मई तक अप्रैल माह के लिए कुल 72.45 लाख जीएसटीआर 3बी रिटर्न फाइल किए गए हैं। उन्होंने बताया कि फरवरी-मार्च 2019 के लिए राज्यों को जीएसटी मुआवजा के तौर पर 18,934 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है।
इससे पहले अप्रैल माह में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह बढ़कर रिकॉर्ड 1.13 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इससे पहले मार्च में यह आंकड़ा 1.06 लाख करोड़ रुपए रहा था। सरकार ने 2017 में जीएसटी को लागू किया था।
पिछले साल अगस्त से जीएसटी संग्रह में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है और मार्च में यह अपने उच्चतम स्तर 1.06 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचा था। इससे पहले फरवरी में जीएसटी संग्रह 97,247 करोड़ रुपए रहा था। मंत्रालय ने कहा कि अनुपालन बढ़ाने और रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या बढ़ने से जीएसटी संग्रह में यह वृद्धि हुई है।
वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने सीजीएसटी से 6.10 लाख करोड़ रुपए और मुआवजा उपकर से 1.01 लाख करोड़ रुपए जुटाने का प्रस्ताव किया है। आईजीएसटी का शेष 50,000 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2018-19 में सीजीएसटी संग्रह 4.25 लाख करोड़ रुपए और मुआवजा उपकर 97,000 करोड़ रुपए रहा।
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