नई दिल्ली। ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विस देने वाली कंपनी एचएसबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि बहु-प्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक इस साल संसद में पारित हो सकता है और यह अगले साल अप्रैल से लागू हो सकता है। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार एक बार फिर विपक्ष को राजी करने की कोशिश करेगी ताकि 25 अप्रैल से शुरू हो रहे बजट सत्र के दूसरे चरण में जीएसटी विधेयक को पारित किया जा सके।
जीएसटी पारित होने का है भरोसा
एचएसबीसी के मुताबिक छोटे दलों की मौजूदगी बढ़ने से जीएसटी के साथ ही दिवाला एवं शोधन अक्षमता कानून और आरबीआई संशोधन विधेयक जैसे अन्य कानून को भी पारित कराने में मदद मिलेगी। एचएसबीसी ने कहा, हमारा मानना है कि भाजपा के पास जीएसटी विधेयक पारित कराने का बेहतर मौका है और यह 2016 में पारित हो जाएगा और अप्रैल 2017 से लागू होने के लिए तैयार होगा। विशेष तौर पर इसलिए कि सरकार ने इसे अन्य दलों के लिए सहज बनाने के लिए बदलाव भी किए हैं। जीएसटी लंबे समय से अटका विधेयक है, जिसका लक्ष्य है भारत के कर ढांचे को आसान बनाना और इसका मानकीकरण करना।
विपक्ष को राजी करने की एक और कोशिश
केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि जीएसटी पर हमने ज्यादातर पार्टियों के साथ बातचीत पूरी कर ली है। दो-एक मुद्दे हैं और उन पर भी हम विपक्ष को राजी करने का प्रयास करेंगे। हम चाहते हैं कि यह पारित हो जाए क्योंकि जीएसटी आज की जरूरत है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने महत्वपूर्ण जीएसटी विधेयक से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए विपक्ष से संपर्क नहीं किया। इस पर नायडू ने कहा, हम कांग्रेस से बात कर रहे हैं और हम उनसे आखिर में विधेयक को सूचीबद्ध करने के पहले भी बात करेंगे, मैं आशावादी हूं कि जीएसटी विधेयक को इस सत्र में पारित कर लिया जाएगा।
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