नई दिल्ली। विशेषज्ञों का कहना है कि हाल में अधिसूचित नए वार्षिक जीएसटी रिटर्न फॉर्म से टैक्स चोरी रोकने और उसकी निगरानी करने में काफी मदद मिलेगी। इसमें करदाता को समूचे वर्ष के वित्तीय लेनदेन की जानकारी राजस्व विभाग को देनी होती है।
वित्त मंत्रालय ने हाल ही में वार्षिक कर रिटर्न फॉर्म को अधिसूचित किया है। यह फॉर्म माल एवं सेवाकर (जीएसटी) में पंजीकृत व्यावसायियों के लिए अधिसूचित किया गया है। इसमें बिक्री, खरीद और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की पूरी जानकारी देनी होगी। लाभार्थी को वित्त वर्ष 2017- 18 के दौरान खरीद-बिक्री की पूरी जानकारी देनी होगी।
सामान्य करदाताओं (जीएसटीआर-9) और कंपोजीशन योजना के तहत आनेवाले करदाताओं (जीएसटीआर-9ए) के लिए सालाना रिटर्न फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। देश में एक जुलाई 2017 से माल एवं सेवाकर को लागू किया गया था। इसमें केन्द्र और राज्यों में लगने वाले 17 विभिन्न करों को समाहित किया गया है।
कानूनी फर्म, लक्ष्मीकुमारन एंड श्रीधरन के प्रबंधकीय भागीदार वी. लक्ष्मीकुमारन ने कहा कि वार्षिक टैक्स रिटर्न एक प्रकार से किसी कारोबारी द्वारा भरे जाने वाले मासिक रिटर्न का ही एकीकृत रूप है और इससे राजस्व विभाग के समक्ष आपका पूरा लेनदेन सामने आ जाता है। इस फॉर्म में अतिरिक्त इनपुट क्रेडिट का दावा करने की कोई गुंजाइश नहीं है।
उन्होंने कहा कि विभाग के पास व्यापार और उद्योग के काफी आंकड़े उपलब्ध होंगे और विभाग के लिए इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट दावा में विसंगतियों का पता लगाना और अंतिम टैक्स भुगतान का पता लगाना काफी आसान होगा।
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