राज्यसभा में पेश हुआ GST संशोधन बिल, जेटली ने इसे बताया आजादी के बाद सबसे बड़ा टैक्स सुधार
आम जनता के साथ ही साथ सरकार के लिए भी फायदेमंद माना जाने वाला गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) बिल आज राज्यसभा में पेश हो गया।
नई दिल्ली। आम जनता के साथ ही साथ सरकार के लिए भी फायदेमंद माना जाने वाला गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स ( GST) बिल आज राज्यसभा में पेश हो गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे सदन के सामने रखा। जेटली ने जीएसटी को बीते एक दशक का सबसे महत्वपूर्ण टैक्स सुधार वाला कदम बताया है।
जेटली ने बताया कि जीएसटी से भारत एक समान मार्केट में बदल जाएगा। जेटली ने यह भी कहा कि राज्यसभा ने जीएसटी बिल को सिलेक्ट कमेटी को सौंपा था। उन्होंने कहा कि ज्यादातर दलों में इस बिल को लेकर सहमति बन गई है और इससे देश में बड़ा बदलाव आएगा। जेटली ने कहा कि वे सभी पार्टियों के आभारी हैं। इतना ही नहीं जेटली ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजद का भी शुक्रिया अदा किया।
निवेश से पहले न करें ये 5 गलतियां
चिदंबरम ने कहा ‘स्वागत करते हैं’
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा में जीएसटी बिल पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वे इस बिल का स्वागत करते हैं। पी चिदंबरम ने कहा कि अगर आपको मुद्रास्फीति और लोगों की परवाह नहीं है तो आगे बढ़ो। उन्होंने कहा कि जीएसटी का मूल टैक्स रेट होगा। उन्होंने कहा कि स्टैंडर्ड जीएसटी रेट 18 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बीते कुछ हफ्तों में बिल को लेकर सरकार के रुख में बदलाव आया है, इसलिए कांग्रेस इस बिल का स्वागत करती है। सरकार को उम्मीद है कि विपक्षी भी इस बिल को पास करने पर सहमति दे देंगे। जीएसटी लागू होने पर पूरे देश में एक टैक्स नियम लागू हो जाएगा।
कांग्रेस करेगी सरकार की मदद
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वे जीएसटी पर सरकार की मदद करेंगे। आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी और नेताओं ने जो संशोधन सुझाए थे, उसे बिल में शामिल कर लिया गया है, इसलिए अब वे इसका समर्थन करेंगे।
तमाम टैक्स हो जाएंगे खत्म
फिलहाल लोगों को 30 से 35 फीसदी तक टैक्स भरना पड़ता है, लेकिन जीएसटी लागू हो जाने से लोगों को लगभग इसका आधा यानी 17 से 18 फीसदी तक ही टैक्स देना पड़ेगा। जीएसटी लागू हो जाने से एक्साइज टैक्स, सर्विस टैक्स, वैट, सेल्स टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स और लग्जरी टैक्स खत्म हो जाएगा।
इन बड़े बदलावों के बाद कांग्रेस की मदद की उम्मीद
- राज्यों के बीच होने वाले कारोबार में एक फीसदी एडिश्नल टैक्स नहीं लगेगा।
- राज्यों को अगर जीएसटी से नुकसान होगा तो केंद्र सरकार 5 साल तक 100 फीसदी मुआवजा देगा।
वाजपेयी सरकार ने रखी थी जीएसटी की नींव
गौरतलब है कि जीएसटी की नींव 16 साल पहले वाजपेयी सरकार ने डाली थी। साल 2009 में मनमोहन सरकार ने कोशिश की, तो गैर-कांग्रेसी शासित राज्यों ने विरोध कर दिया। अब केंद्र और ज्यादातर राज्यों में बीजेपी की बहुमत वाली सरकारें हैं, तो राज्यसभा में कांग्रेस को साथ लेने के लिए मोदी सरकार अपने रुख थोड़े नरम किए है, जिसके बाद कांग्रेस से सहमति बन गई।
आम आदमी को जीएसटी से फायदे की उम्मीद
एक देश एक टैक्स की सोच देश में लागू होते ही इसका फायदा हर व्यक्ति को मिलेगा। इसके लागू होते ही 20 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स खत्म होंगे और सिर्फ तीन तरह के (सेंट्रल, स्टेट और इंटिग्रेटेड जीएसटी) टैक्स ही लगेंगे। सेंट्रल जीएसटी टैक्स केंद्र सरकार वसूलेगी। स्टेट जीएसटी टैक्स राज्य सरकार वसूलेगी और इंटिग्रेटेड जीएसटी को केंद्र राज्य दोनों वसूलेंगे, क्योंकि ये दो राज्यों के बीच कारोबार होने पर लगेगा।
जीएसटी लागू होने से ग्रोथ रेट में इजाफा संभव
जीएसटी लागू होने के बाद दो से तीन साल तक महंगाई बढ़ भी सकती है। वैसे सरकार का दावा है कि जीएसटी लागू होने के बाद ग्रोथ रेट में 2% का इजाफा होगा। हालांकि सच यह भी है कि पूरी दुनिया में जीएसटी लागू करने के बाद हुए चुनावों में कोई भी सरकार दोबारा नहीं चुनी गई है, क्योंकि शुरुआती सालों में कुछ चीजें महंगी हो जाती हैं, इसका खमियाजा सरकार को भुगतना पड़ता है।