नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों के दौरान आर्थिक विकासदर में आई कमी के पीछे रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर की नीतियां वजह रही, ये कहना है नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक राजीव कुमार ने यह बयान दिया है। राजीव कुमार ने यह भी कहा है कि नोटबंदी से विकास दर में गिरावट नहीं आई है।
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में राजीव कुमार ने कहा कि बैंकों के फंसे हुए कर्ज की वजह से विकास की दर धीमी पड़ी है, उन्होंने कहा कि जब मौजूदा NDA सरकार सत्ता में आयी थी तो कुल घोषित NPA 4 लाख करोड़ रुपए था लेकिन पिछले साल 2017 के मध्य तक यह बढ़कर 10.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है। उन्होंने कहा कि बढ़ते NPA की वजह से बैंकों ने उद्योग को कर्ज देना घटा दिया था जिस वजह से विकास की दर में कमी आई है।
राजीव कुमार ने नोटबंदी का बचाव करते हुए कहा कि नोटबंदी की वजह से विकास की दर धीमी नहीं पड़ी है, उन्होंने कहा कि हर तिमाही में विकास दर घटने का सिलसिला पिछली सरकार के समय से बना हुआ था और वही सिलसिला नोटबंदी के बाद भी बरकरार रहा। लेकिन अब सरकार ने हालात पूरी तरह से संभाल लिए हैं।
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