नई दिल्ली। आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति में अगले 6 से 12 महीने में तेजी की संभावना है और इसके कारण रिजर्व बैंक नीतिगत दर को यथावत बनाये रख सकता है। नोमुरा की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। जापान की वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा के अनुसार, मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के ब्योरे के अनुसार मुद्रास्फीति के नीचे रहने तथा वृद्धि की चिंता को देखते हुए इस महीने की शुरुआत में नीतिगत दर में कटौती की। हालांकि, आने वाले समय में RBI यथास्थिति बरकरार रख सकता है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि MPC के अधिकतर सदस्यों ने अगस्त में नीतिगत दर में कटौती के पक्ष में वोट दिया। इसका कारण मुद्रास्फीति में गिरावट तथा वृद्धि के कमजोर होने के संकेत थे। हालांकि, आने वाले दिनों में मुद्रास्फीति में तेजी की आशंका को देखते हुए तटस्थ नीतिगत रुख अपनाया जा सकता है।
नोमुरा के अनुसार, जुलाई में मुद्रास्फीति के आंकड़े से इस बात की पुष्टि हुई है कि जून में इसमें गिरावट आई और आने वाले समय में सब्जियों के दाम में तेजी के कारण इसमें वृद्धि की आशंका है। साथ ही GST के कारण मूल मुद्रास्फीति में थोड़ी अधिक गति से तेजी आयी।
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रिपोर्ट में कहा गया है, MPC के अधिकतर सदस्यों ने आवास भत्ता (HRA) में वृद्धि, कृषि ऋण माफी से पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव, 2019 में होने वाले चुनाव का समय करीब आना तथा मुद्रास्फीति अनुमान में हाल में वृद्धि, सब्जियों के दाम में तेजी एवं GST के कारण महंगाई दर में तेजी को रेखांकित किया।
उल्लेखनीय है कि जुलाई में थोक मुद्रास्फीति तेजी से बढ़कर 1.88 प्रतिशत हो गई जो जून 2017 में 0.90 प्रतिशत थी। इसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों खासकर सब्जियों के दाम में तेजी रही। वहीं खुदरा मुद्रास्फीति भी आलोच्य महीने में बढ़कर 2.36 प्रतिशत पहुंच गयी।
रिपोर्ट में नोमुरा ने कहा है कि,
मुद्रास्फीति पर ताजा आंकड़ा तथा MPC सदस्यों के रुख को देखते हुए हम उम्मीद करते हैं कि त्ठप्नीतिगत दर में यथास्थिति बनाये रख सकता है।
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