नई दिल्ली। भारत का ग्रॉसरी डिलीवरी स्टार्टअप ग्रोफर्स अपना खर्च कम करने की योजना पर काम कर ही है। इस योजना के तहत कंपनी ने अपने ट्रांसपोर्ट बेड़े में 500 इलेक्ट्रिक वाहन शामिल करने की घोषणा की है। ग्रोफर्स ने कहा है कि पायलेट आधार पर जिन स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल किया गया, वहां डिलीवरी लागत में 50 प्रतिशत की कमी आई है। इसलिए अब कंपनी अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के बेड़े का विस्तार करेगी और इस साल दिसंबर तक 500 इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करेगी।
ग्रोफर्स दिल्ली और जयपुर में पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल कर रही है। ग्रोफर्स दिल्ली सरकार के इलेक्ट्रिक व्हीकल फ्रेट प्रोजेक्ट, जिसका नाम डिलीवर इलेक्ट्रिक दिल्ली है, का हिस्सा भी है। ग्रोफर्स अब जोमैटो, स्विगी, फ्लिपकार्ट और अन्य की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिन्होंने डिलीवरी के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल की घोषणा की है।
स्विगी भी पायलेट आधार पर 10 शहरों में डिलीवरी के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल कर रही है और उसने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल से डिलीवरी लागत 40 प्रतिशत तक घट सकती है।
पिछले दो सलों से ग्रोफर्स 800 प्रतिशत की ग्रोथ हासिल कर रहा है और उसका लक्ष्य 40 करोड़ डॉलर राजस्व हासिल करना है। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से उसका खर्च कम होगा। मई में ग्रोफर्स ने सॉफ्टबैंक विजन फंड से 20 करोड़ डॉलर की राशि जुटाई है। इस ताजा निवेश के बाद ग्रोफर्स का मूल्याकंन लगभग 1 अरब डॉलर के पास पहुंच गया है। यूनिकॉर्न बनने से अब यह बस कुछ कदम ही दूर है।
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