कॉरपोरेट टैक्स 25 फीसदी करने का रोडमैप तैयार, भारत बनेगा अधिक प्रतिस्पर्धी निवेश डेस्टिनेशन
कॉरपोरेट टैक्स की दर अगले चार साल में 25 फीसदी करने के लिए वित्त मंत्रालय ने विभिन्न टैक्स छूटों को समाप्त करने का एक रोडमैप पेश किया है।
नई दिल्ली। कॉरपोरेट टैक्स की दर अगले चार साल में 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने के तहत वित्त मंत्रालय ने उद्योगों को मिल रही विभिन्न टैक्स छूटों को समाप्त करने का एक रोडमैप पेश किया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के इस प्रस्ताव के मुताबिक एक अप्रैल 2017 के बाद किसी भी विशिष्ट व्यावसायिक गतिविधियों के लिए कोई टैक्स छूट नहीं दी जाएगी और टैक्स छूटों को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि टैक्स छूट को धीरे-धीरे समाप्त किए जाने से मुकदमेबाजी कम होगी और कॉरपोरेट टैक्स की निचली दरों से भारत एक अधिक प्रतिस्पर्धी निवेश डेस्टिनेशन बन सकेगा।
ऐसी है नई योजना
सीबीडीटी ने आयकर अधिनियम के तहत टैक्स छूट को धीरे-धीरे समाप्त करने का रोडमैप जारी करते हुए कहा है कि ऐसे छूट प्रावधान, जो किसी निश्चित समय के लिए गए हैं, उनकी तिथि आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। इसी प्रकार आयकर कानून में दी गई विभिन्न रियायतों की तिथियों को भी आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। सीबीडीटी ने इन प्रस्तावों पर 15 दिन के भीतर विभिन्न पक्षों से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। सीबीडीटी ने कहा है कि ऐसी कर छूट, जिनके समाप्त होने की कोई तिथि नहीं है उनके मामले में 31 मार्च 2017 उनकी समाप्ति तिथि होगी। यह तिथि कानून के संबंधित प्रावधान के अनुरूप कारोबार शुरू होने अथवा उसके लाभ के दावे के लिए होगी।
कॉरपोरेट टैक्स में आएगी पारदर्शिता और स्पष्टता
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में अगले चार साल के दौरान कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने टैक्स में दी जाने वाले प्रोत्साहनों और रियायतों को भी धीरे-धीरे समाप्त किए जाने की घोषणा की थी। जेटली ने कहा था कि उनकी यह घोषणा कर कानूनों को सरल बनाने की दिशा में की गई है। उनके मुताबिक इससे कॉरपोरेट टैक्स में पारदर्शिता और स्पष्टता आएगी।
प्रॉफिट, निवेश और विशेष क्षेत्र पर मिलने वाली छूट भी होंगी खत्म
सीबीडीटी ने कहा है कि प्रॉफिट, निवेश और क्षेत्र विशेष के आधार पर मिलने वाली टैक्स रियायतों को भी धीरे-धीरे समाप्त किया जाएगा। ये रियायतें कॉरपोरेट और गैर-कॉरपोरेट दोनों के लिए ही समाप्त होंगी। कुछ विशिष्ट व्यवसायों पर किए जाने वाले पूंजी व्यय पर शत प्रतिशत कटौती को वापस लिए जाने का भी प्रस्ताव है। इस प्रकार की छूट देश में प्राकृतिक गैस अथवा कच्चे तेल या फिर पेट्रोलियम उत्पादों की पाइपलाइन नेटवर्क बिछाने, होटल बनाने, चीनी की भंडारणगृह सुविधा पर दी गई थी। यह सुविधा अप्रैल 2017 से उपलब्ध नहीं होगी।
कोल्ड स्टोरेजे और अफोर्डेबल हाउसिंग पर भी नहीं मिलेगी रियायत
सीबीडीटी ने यह भी प्रस्ताव किया है कि वर्तमान में कोल्ड स्टोर चेन, कृषि उपज को रखने के लिए वेयरहाउस तैयार करने, अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट, उर्वरक उत्पादन पर दी जाने वाली 150 फीसदी भारित कटौती को अप्रैल 2017 से समाप्त कर दिया जाएगा। वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य टैक्स कानून को जितना संभव हो सके उतना सरल और विश्वसनीय बनाना है। उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि कंपनियों से जुड़े कई टैक्स विवाद इन्हीं रियायतों की वजह से होते हैं। हमारा लक्ष्य है कि एक तरफ इन रियायतों को सरल और सुनियोजित बनाया जाए और दूसरी तरफ इसके साथ ही टैक्स दरों को भी कम किया जाए।