नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार करने वालों के साथ कोई मुरव्वत नहीं करने वाली है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 45 वरिष्ठ अधिकारियों को सरकारी कामकाज और जनसेवा में असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण या तो हटा दिया है या उनकी पेंशन काट ली गई है।
संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सिस्टम बनाना लक्ष्य
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आयोजित ग्लोबल कॉन्फ्रेंस ऑन रिकवरी एसेट को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार प्रणालीगत और नीति-नियंत्रित शासन चलाने पर ध्यान दे रही है। इसके इसके लिए संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह गवर्नेंस सिस्टम बनाना चाहती है।
हमारा उद्देश्य भारत को समृद्ध बनाना: मोदी
मोदी ने कहा कि दुनिया भर में गरीब और उपेक्षित लोगों के जीवन में सुधार के लिए चिंतित सरकारों के समक्ष भ्रष्टाचार एक प्रमुख चुनौती है। मोदी ने कहा, भारत में हम इस समय राष्ट्र निर्माण के एक महत्वपूर्ण दौर में हैं। हमारा उद्देश्य भारत को समृद्ध बनाना है। हम एक ऐसा भारत चाहते है जहां का हर किसान समर्थ हो, मजदूर संतुष्ट हों, महिलाएं अधिकार-संपन्न और युवा आत्मनिर्भर हों।
काम नहीं करने वाले अधिकारियों को मिली सजा
मोदी ने कहा कि इस लक्ष्य को पाना मुश्किल नहीं है। हालांकि, इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार लड़ने की जरूरत है। भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए मोदी ने कहा कि नौकरशाही में भ्रष्टाचार के खतरे से निपटने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा असंतोषजनक प्रदर्शन के लिए विभिन्न विभागों के 45 वरिष्ठ अधिकारियों को हटाया गया है या फिर उनके पेंशन में कटौती की गई है।
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