नई दिल्ली। केंद्र सरकार इस माह के अंत तक छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को घटाने की घोषणा कर सकती है। सरकार इन योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों को बाजार दर के बराबर लाना चाहती है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार इस माह के अंत तक छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर कम करने का फैसला लेगी।
वित्त मंत्रालय ने सितंबर में इस बात के संकेत दिए थे कि छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दर को संशोधित किया जाएगा, जिसमें पोस्ट ऑफिस बचत योजना और पब्लिक प्रोवीडेंट फंड (पीपीएफ) शामिल हैं। बैंकों ने सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर अधिक ब्याज मिलने की वजह से बैंक की एफडी के अप्रतिस्पर्द्धी होने की बात पर मंत्रालय ने यह बात कही थी। अधिकारी ने बताया कि सरकार वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और सुकन्या समरिद्धी खाते पर ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने का निर्णय ले सकती है।
छोटी बचत योजनाओं पर अभी 8.7 से 9.3 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है, जबकि आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में कटौती करने से बैंकों को अपनी जमा दरों में भी कटौती करनी पड़ी है, जिससे बैंकों की जमा योजनाएं आकर्षक नहीं रही हैं। इस साल जनवरी से लेकर अब तक आरबीआई नीतिगत दरों में 1.25 फीसदी की कटौती कर चुका है, जिसकी वजह से बैंकों की ब्याज दरों में 0.60 से 0.70 फीसदी की कमी आ चुकी है। छोटी बचत योजनाओं में पोस्ट ऑफिस मासिक आय योजना (एमआईएस), पब्लिक प्रोवीडेंट फंड (पीपीएफ), पोस्ट ऑफिस मियादी जमा योजना, वरिष्ठ नागरिक के लिए बचत योजना, पोस्ट ऑफिस बचत खाता और सुकन्या समरिद्धी खाता शामिल हैं।
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