नई दिल्ली। सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) में विजया बैंक और देना बैंक के विलय से पहले उसमें 5,042 करोड़ रुपए की पूंजी डालने का फैसला किया है। बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक के विलय की योजना एक अप्रैल से अस्तित्व में आ जाएगी।
बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि वित्त मंत्रालय ने बुधवार को अधिसूचना के माध्यम से बैंक ऑफ बड़ौदा में 5,042 करोड़ रुपए की पूंजी डालने के फैसले की जानकारी दी। बैंक ने कहा कि बैंक के इक्विटी शेयरों (विशेष प्रतिभूति/बांड) के तरजीही आवंटन के जरिए पूंजी डाली जाएगी। यह सरकार के निवेश के रूप में होगा।
विलय की योजना के मुताबिक विजया बैंक के शेयरधारकों को प्रति 1000 शेयरों के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 शेयर मिलेंगे। वहीं, देना बैंक के शेयरधारकों को 1,000 शेयरों के बदले में बीओबी के 110 शेयर मिलेंगे। सरकार ने पिछले साल सितंबर में बीओबी के साथ विजया बैंक और देना बैंक के विलय की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के बाद तीसरा सबसे बड़ा बैंक बनाना है।
आईओबी को 3,806 करोड़ रुपए की पूंजी के लिए शेयरधारकों से मिली मंजूरी
सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के शेयरधारकों ने इक्विटी शेयर जारी कर भारत सरकार की ओर से 3,806 करोड़ रुपए प्राप्त करने के संबंध में विशेष प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आर सुब्रमण्यकुमार ने कहा कि इस पूंजी निवेश से बैंक को अपनी पूंजी पर्याप्तता जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी और इससे बैंक की ऋण बुक मजबूत हो सकेगी।
बैंक ने बयान में कहा कि उसके शेयरधारकों की 28 मार्च को हुई असाधारण आम बैठक में 14.12 रुपए (4.12 रुपए प्रीमियत सहित) प्रति शेयर के निर्गम मूल्य पर 2,69,54,67,422 इक्विटी शेयर तरजीही आधार पर सरकार को जारी करने के विशेष प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। बैंक ने कहा कि मंजूरी मिलने के बाद उसने सरकार को शेयर आवंटित कर दिए हैं।
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