नई दिल्ली। 500 और 1000 रुपए के नोटबंद होने के बाद करेंसी की परेशानी को देखते हुए देश की सभी सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस में नोटों की छपाई का काम युद्धस्तर पर जारी है। देश में भारी मात्रा में करेंसी की जरूरत को देखते हुए अब सरकार विदेश से करेंसी पेपर आयात करने की तैयारी कर रही है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार करेंसी पेपर आयात करने के लिए जल्द ही सरकार बड़े स्तर का टेंडर जारी कर सकती है। इस संबंध में शनिवार को वित्त सचिव शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में वित्त मंत्रालय की एक बैठक हुई थी।
बैठक के बाद अधिकारियों ने अखबार को बताया कि 20 हजार टन करेंसी पेपर आयात का आर्डर दिया जा सकता है। यह वर्तमान वर्ष के करीब 8 हजार टन के आयात से कहीं ज्यादा है।
तस्वीरों में देखिए दुनिया के देशों में चलने वाली प्लास्टिक करेंसी
Plastic Notes
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एक साल की जरूरत के लिए ऑर्डर
वित्त मंत्रालय के अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि यह काफी बड़ा आयात ऑर्डर है, और इसकी मदद से एक साल से भी ज्यादा का प्रिंटिंग की जा सकेगी। अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ सालों से प्रतिवर्ष 25 हजार टन के लगभग करेंसी पेपर की खपत हो रही है, जिसमें से करीब 18 हजार टन पेपर का निर्माण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की प्रेस में किया जाता है।
लिस्ट में 9 कंपनियां शामिल
वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि यह ऑर्डर करीब नो विदेशी कंपनियों को दिया जा सकता है। इन कंपनियों को गृह मंत्रालय की ओर से सुरक्षा मंजूरी मिल चुकी है। इनमें से 6 कंपनियां ऐसी हैं जो वर्तमान में भी भारत को करेंसी पेपर सप्लाई करती हैं, वहीं 3 कंपनियों पहली बार लिमिटेड टेंडरिंग प्रोसेस से गुजर रही हैं।
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