मुंबई। सरकार दवा क्षेत्र में नियमों को मजबूती से लागू करने के प्रयास को आगे बढ़ाते हुए नकली दवाओं की बिक्री पर निगरानी बढ़ाएगी। इसके लिए वह और दवा निरीक्षकों की भर्ती करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में औषधि विभाग में संयुक्त सचिव सुधांश पंत ने कहा, नकली दवाओं पर सतर्कता बढ़ाने के बावजूद करीब दो प्रतिशत दवाएं अभी भी बाजार में बिक रही हैं। इसे देखते हुए नियमनों को मजबूती से लागू करने के प्रयास किये जा रहे हैं और दवा निरीक्षकों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
पंत ने कहा, देश में करीब 10,000 औषधि विनिर्माण कारखानों की निगरानी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नियामकों द्वारा की जाती है। इंडो-अमेरिकी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुए पंत ने कहा देश में छह लाख के करीब औषधि कारखाने हैं। कई मामलों में 500 से लेकर एक हजार को देखने के लिये केवल एक निरीक्षक होता है।
उन्होंने कहा, हमारे पास राष्ट्रीय स्तर के साथ साथ राज्यों के स्तर पर भी नियामक हैं और दवा उद्योग का आकार बढ़ने के साथ ही हमें अधिक संख्या में निरीक्षण भी करना पड़ता है। हालांकि, हमारे नियामकों और अमेरिका के यूएसएफडीए के निरीक्षण में कोई संबंध नहीं है। भारत में अमेरिका के खाद्य और दवा प्रशासन (यूएसएफडीए) द्वारा भारत में दवा कारखानों की सुविधाओं के निरीक्षण पर टिप्पणी करते हुए पंत ने कहा कि दवा उद्योग के विकास को देखते हुए सरकार को गर्व है।
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