नई दिल्ली। लगातार दो साल सूखे के बाद इस साल मानसून की वर्षा अच्छी रहने की उम्मीद में सरकार ने फसल वर्ष 2016-17 में रिकॉर्ड 27.01 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। देश में इससे पहले वर्ष 2013-14 में रिकॉर्ड 26.50 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था। इसके बाद दस से अधिक राज्यों में सूखा पड़ने की वजह से 2014-15 में 25.20 करोड़ टन और 2015-16 में 25.32 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन रह गया।
मौसम विभाग ने इस साल सामान्य से बेहतर मानसून रहने की भविष्यवाणी की है। हालांकि, केरल में मानसून का आगमन एक सप्ताह देरी से होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, फसल वर्ष (जुलाई से जून) 2016-17 के लिए हमने 27.01 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। यह आंकड़ा पिछले साल के लक्ष्य 26.41 करोड़ टन के मुकाबले काफी अधिक है, यहां तक कि 2013-14 में हासिल किए गए 26.50 करोड़ टन के आंकड़े से भी काफी अधिक है।
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अधिकारी ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी कई योजनाओं का असर दिखने और बेहतर मानसून की संभावनाओं को देखते हुए ऊंचा लक्ष्य तय किया गया है। कृषि फसलें खरीफ (गर्मियों) और रबी (सर्दियों) मौसम में उगाई जाती हैं। खरीफ सत्र की बुवाई आमतौर पर दक्षिण पश्चिम मानूसन की शुरुआत के साथ हो जाती है और फसल की कटाई अक्टूबर में होती है। सरकार सबसे ज्यादा चावल का रिकॉर्ड उत्पादन 10.85 करोड़ टन होने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके बाद 9.65 लाख टन गेहूं, 4.43 करोड़ टन मोटे अनाज और 2.07 करोड़ टन दालों का उत्पादन होने का लक्ष्य मानकर चल रही है। मौजूदा फसल वर्ष 2015-16 में कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक चावल का उत्पादन घटकर 10.33 करोड़ टन, गेहूं का 9.40 करोड़ टन, मोटे अनाज का 3.77 करोड़ टन और दलहन उत्पादन 1.70 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
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