नई दिल्ली। सरकार अब फास्टैग का उपयोग पथकर भुगतान के साथ दूसरे कार्यों में भी करने की तैयारी में है। इसके लिए पायलेट परियोजना के तहत हैदराबाद हवाईअड्डे पर पार्किंग भुगतान में भी फास्टैग के इस्तेमाल की शुरुआत की गई है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी है। इसे फास्टैग 2.0 कहा जा रहा है। इसके जरिये पार्किंग भुगतान, पेट्रोल-डीजल का भुगतान, ई-चालान भुगतान जैसे कार्य भी किए जा सकेंगे।
इसके अलावा दफ्तरों और घरों में पहुंच व्यवस्था में भी इसके उपयोग की योजना है। बयान के अनुसार पायलट परियोजना की शुरुआत दो चरणों में की गई है। पहले चरण में नियंत्रित रूप से पायलेट आधार पर परीक्षण किया गया। इसमें केवल आईसीआईसीआई टैग का उपयोग किया जाएगा। दूसरे चरण में फास्टैग का उपयोग हैदराबाद हवाईअड्डे पर पार्किंग मकसद से किया जाएगा। इसमें अन्य बैंकों के टैग को भी रखा जाएगा।
बयान के मुताबिक हैदराबाद के बाद परियोजना की शुरुआत दिल्ली हवाईअड्डे पर की जाएगी। एसबीआई, एक्सिस, एचडीएफसी और आईडीएफसी मुंबई, बेंगलुरु हवाईअड्डों से बातचीत कर रहे हैं। कुछ मॉल फास्टैग-2 की शुरूआत करेंगे। इलेक्ट्रॉनिक रूप से पथकर संग्रह का कार्यक्रम देश भर में शुरू किया गया है। इसे देश में सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के टोल प्लाजा पर उपयोग किया जा रहा है।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने नवंबर में जारी किए 6 लाख फास्टैग
पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबी) ने नवंबर महीने में 6 लाख फास्टैग जारी किए हैं। पीपीबी ने एक बयान में यह जानकारी दी। उसने अब तक 18.5 लाख से अधिक वाहनों को फास्टैग उपलब्ध कराया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह घोषणा की थी कि राजमार्गों पर पथकर का भुगतान एक दिसंबर से फास्टैग के जरिये ही होगा। बाद में यह समयसीमा बढ़ाकर 15 दिसंबर कर दी गई।
तीन दिसंबर 2019 तक कुल 82.55 लाख फास्टैग जारी किए जा चुके थे। पीपीबी ने गाड़ी खरीदने के समय उसमें पहले से ही पेटीएम फास्टैग लगे होने को लेकर मारुति सुजुकी, हुंडई टर इंडिया, होंडा कार्स इंडिया, किया मोटर्स इंडिया प्राइवेट लि., एमजी मोटर इंडिया जैसी वाहन बनाने वाली कंपनियों के साथ गठजोड़ किया है।
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