नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को मोबाइल उपकरण बनाने वाली वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिये 50,000 करोड़ रुपये की योजनाओं के तहत मदद के लिए आवेदन आमंत्रित करने का काम शुरू कर दिया। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि भारत दुनिया की शीर्ष मोबाइल विनिर्माता कंपनियों को आकर्षित करना चाहेगा तथा पांच चुनिंदा स्थानीय कंपनियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘कुल 50,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। करीब 5-6 बड़ी कंपनियां हैं जो वैश्विक बाजार के 80 प्रतिशत बाजार पर नियंत्रण रखती हैं। शुरू में हम पांच वैश्विक कंपनियों का चयन करेंगे जिन्हें पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) योजना के तहत भाग लेने की अनुमति दी जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक और स्थानीय कंपनियां साथ मिलकर भारत को विनिर्माण के क्षेत्र में क्षमतावान देश बनाएंगी और वैश्विक श्रृंखला को मजबूत करेंगी। हम पांच भारतीय कंपनियों को देश की अग्रणी कंपनी बनाने को लेकर बढ़ावा देंगे।’’ मंत्री ने कहा कि भारत प्रमुख मोबाइल विनिर्माता देशों में से एक है और इस सेग्मेंट में दुनिया की अगुवाई करने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘एक आत्म निर्भर मजबूत भारत किसी भी देश के खिलाफ नहीं है। सरकार ने सेक्टर के लिए एक अप्रैल को तीन योजनाएं अधिसूचित की थी। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा, ‘‘ये योजनएं आज (मंगलवार) से शुरू हो गयी हैं और कंपनियां इस संदर्भ में आवेदन दे सकती हैं।
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