नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक की तरफ से जो नए नोट बाजार में उतारे गए हैं उनकी छपाई पर इस साल ज्यादा खर्च आया है जिस वजह से RBI की तरफ से सरकार को भेजी गई सरपल्स कमाई में वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान करीब 53.45 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली है। सोमवार को वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने संसद में यह जानकार दी। उन्होंने कहा कि वित्तवर्ष 2015-16 के दौरान RBI की तरफ से केंद्र सरकार को 65876 करोड़ रुपए की रकम भेजी गई थी लेकिन 2016-17 के दौरान नोटों की छपाई पर ज्यादा खर्च आया है जिस वजह से RBI की तरफ से 30,659 करोड़ रुपए की रकम ही भेजी गई है।
वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन की तरफ से संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक सरकार ने नोटबंदी के बाद जो नई करेंसी छापी है उनमें सबसे ज्यादा खर्च 500 रुपए के नोटों की छपाई पर हुआ है, उन्होंने बताया कि इस साल 8 दिसंबर तक 500 रुपए के कुल 1695.7 करोड़ नोट छापे गए हैं जिनकी छपाई पर 4,968.84 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 2000 रुपए के कुल 365.4 करोड़ नोट छापे गए हैं जिनकी छपाई पर 1293.6 करोड़ रुपए का खर्च आया है। उन्होंने यह भी बताया कि 200 रुपए के अबतक कुल 178 करोड़ नोट छापे जा चुके हैं जिनकी छपाई पर अबतक 522.83 करोड़ रुपए का खर्च आया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में नोटबंदी की घोषणा की थी जिसके बाद 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों पर रोक लगा दी गई थी। कुल 15.44 लाख करोड़ रुपए की मुद्रा के नोट बंद कर दिए गए थे। सरकार ने देशवासियों से उनके पास रखे सभी पुराने नोट वापस मांगे थे और बाद में नए नोट जारी किए गए थे, सरकार के पास अगस्त अंत तक 15.28 करोड़ रुपए के पुराने नोट वापस आए हैं।
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