दिवाली से पहले कंपनियों को मिला बड़ा बोनस, सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स घटाकर किया 25.17%
सीतारमण ने कहा कि घरेलू कंपनियां यदि कोई प्रोत्साहन या छूट हासिल नहीं करती हैं तो उनके लिए कॉरपोरट टैक्स की दर 22 प्रतिशत होगी।
नई दिल्ली। सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सरकार ने शुक्रवार को घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर अधिशेषों और उपकर सहित 25.17 प्रतिशत करने का ऐलान किया है। इस घोषणा के बाद उद्योग जगत के साथ ही साथ देश के शेयर बाजारों में भी उत्साह देखा गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स घटाने की घोषणा करते हुए कहा कि नई टैक्स दर चालू वित्त वर्ष से ही प्रभावी होगी और इसे 1 अप्रैल, 2019 से लागू माना जाएगा। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में कमी करने और अन्य राहत उपायों से सरकार को हर साल 1.45 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि इन कदमों से निवेश और वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
कॉरपोरेट टैक्स में 10% की बड़ी कमी
वर्तमान में कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 प्रतिशत है और अधिशेष एवं उपकर मिलाकर इसकी प्रभावी दर 34.94 प्रतिशत है। नई घोषणा के बाद बिना प्रोत्साहन और छूट वाली कंपनियों को 22 प्रतिशत की दर से कॉरपोरेट टैक्स देना होगा, जिसकी प्रभावी दर अधिशेष एवं उपकर मिलाकर कुल 25.17 प्रतिशत होगी।
लाया जाएगा अध्यादेश
सीतारमण ने कहा कि घरेलू कंपनियां यदि कोई प्रोत्साहन या छूट हासिल नहीं करती हैं तो उनके लिए कॉरपोरट टैक्स की दर 22 प्रतिशत होगी। उन्होंने कहाकि इनकम टैक्स कानून और फाइनेंस एक्ट में बदलावों को अध्यादेश के जरिये प्रभावी बनाया जाएगा।
नए निवेश और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए हुई बड़ी घोषणा
विनिर्माण क्षेत्र में ताजा निवेश आकर्षित करने और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स कानून में नया प्रावधान जोड़ा गया है। इस प्रावधान के तहत 01 अक्टूबर, 2019 को या इसके बाद शुरू होने वाली नई घरेलू कंपनी, जो विनिर्माण में ताजा निवेश करती है और 31 मार्च, 2023 से पहले अपना परिचालन शुरू करती है, को 15 प्रतिशत की दर से इनकम टैक्स भुगतान करने का विकल्प मिलेगा।
अधिशेष और उपकर मिलाकर नई कंपनियों के लिए प्रभावी इनकम टैक्स दर 17.01 प्रतिशत होगी। सीतारमण ने कहा कि इस नई दर का लाभ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जो अन्य टैक्स राहत या छूट का लाभ नहीं लेंगी। वर्तमान में नई कंपनियों के लिए टैक्स की दर 25 प्रतिशत है और प्रभावी दर 29.12 प्रतिशत है। इसके अलावा इन कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक टैक्स (मैट) भी नहीं देना होगा।